झालावाड़ शहर से करीब 25 किमी दूर प्रकृति के बीच ऐसा स्थान है जिसे एक बार देख लिया तो आप मिनी गोवा को भी भूल जाएंगे। पहाडि़यों और जंगल से घिरे इस स्थान पर दूर-दूर तक आपको पानी ही नजर आएगा। यह स्थान है असनावर वन रेंज में रातादेवी मंदिर के पास। यह स्थान भीमसागर बांध का अंतिम कैचमेंट एरिया है। यहां एक छोर पर छनिहारी, पनिहारी व ग्वाल मंदिर तो दूसरे छोर पर विशाल पहाड़ी जो रातादेवी मंदिर तक जाती है। इस स्थान पर प्रकृति के बीच बेशकीमती पुरासंपदा भी देखने को मिलेगी। असनावर से रातादेवी मंदिर मार्ग पर पहाड़ी के ऊपर से करीब 3 किमी जंगल से होता हुआ कच्चा रास्ता है। यहां एसयूवीगाड़ी या बाइक से पहुंचा जा सकता है। हाल ही में यहां छनिहारी व पणिहारी मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है।
मंदिरों का हो गया जीर्णोद्धार
पहले छनिहारी-पणिहारी मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे लेकिन अब जीर्णोद्धार के बाद इनका रूप निखर गया है। साथ ही उजाड़ नदी के किनारे पर घाट का निर्माण भी कराया गया है। जिस पर बैठकर प्राकृतिक नजरों का लुत्फ उठाया जा सकता है। तीनों मंदिर निर्माण शिल्प राजस्थान के 9वीं व 10वीं सदी के मन्दिरों में एक कलात्मक उदाहरण है। प्री वेडिंग या अन्य शूटिंग के लिए भी यह स्थान बेहतर हो सकता है।