सहकारिता विभाग में लंबे समय से जिला स्तर के पूर्णकालिक अधिकारियों के पद पर ही नियुक्ति नहीं हो पा रही है। झालावाड़ केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, स्पेशल ऑडिटर सहकारी समितियां, महाप्रबंधक झालावाड़ सहकारी उपभोक्ता भंडार के पद पर लंबे समय से पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है और इन विभाग का कामकाज उधार के अधिकारियों के भरोसे संचालित हो रहा है, जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
झालावाड़ केंद्रीय सहकारी बैंक में पिछले 10 माह से प्रबंध निदेशक का पद रिक्त चल रहा है। इसके साथ ही उप रजिस्टार सहकारी समितियां, स्पेशल एडिटर के पद भी लंबे समय से रिक्त है। इनका कार्य भूमि विकास बैंक सचिव राम प्रसाद मीणा देख रहे हैं। इसके साथ ही इन्हें झालावाड़ सहकारी उपभोक्ता भंडार के प्रशासक का भी दायित्व दे रखा है जिसे भी यह संभाल रहे हैं। इस प्रकार सहकारी विभाग में दूसरे अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। इस कारण एक अधिकारी पांच विभागों की देखरेख कर रहे हैं।
सुनने वाला कोई नहीं
सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार और स्पेशल आडिटर कार्यालय के अधीन सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां, सभी खेल संघ, सभी प्रकार के एनजीओ सहित सहकारी संस्थाएं आती है। इनके गठन से लेकर चुनाव करवाने, आडिट करने, वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं अधिकारियों पर होती है। बड़ी बात यह है कि सहकारिता से जुड़े कई लोग अपनी फरियाद लेकर सहकारिता विभाग के चक्कर लगाते हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। सहकारिता विभाग सरकार का एक महत्वपूर्ण विभाग है जिसमें अधिकारियों के बगैर निर्णय लेने वाला व्यक्ति नहीं होने से कई कामकाज ठप हो जाते हैं। उधर सहकारिता से जुड़े सभी लोगों को भी परेशानी आती है। सरकार को इन जिम्मेदार पदों को शीघ्र भरना चाहिए।
महेंद्र कुमार जैन जिला सचिव, ऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक एम्पलाई यूनियन झालावाड़ सहकारिता विभाग में जिम्मेदार अधिकारियों के पद रिक्त होने से किसानों को सरकार की योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है और उन्हें अपने कामकाज के लिए सहकार भवन के चक्कर काटना पड़ता है। सहकारिता विभाग से सरकार की कोई योजनाएं जुड़ी हुई है।
कैलाश चंद शर्मा, जिला संयोजक भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ झालावाड़