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झालावाड़

प्रदेश के कई जिलों में बिजली निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

विद्युत निगम के 1 हजार से अधिक कर्मचारी आंदोलन की राह पर झालावाड़. जल्दी ही विद्युत तंत्र के संचालन, मरमत, बिलिंग से लेकर कनेक्शन तक की कमान निजी हाथों में होगी। झालावाड़ समेत प्रदेश के कई जिलों की विद्युत व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो गई है। पिछले कई दिनों से विद्युत निगम […]

झालावाड़Jan 05, 2025 / 10:57 am

harisingh gurjar

विद्युत निगम के 1 हजार से अधिक कर्मचारी आंदोलन की राह पर

झालावाड़. जल्दी ही विद्युत तंत्र के संचालन, मरमत, बिलिंग से लेकर कनेक्शन तक की कमान निजी हाथों में होगी। झालावाड़ समेत प्रदेश के कई जिलों की विद्युत व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो गई है।

पिछले कई दिनों से विद्युत निगम के कर्मचारी इसका विरोध कर रहे है, लेकिन फिलहाल सरकार अपने निर्णय पर अडिग है। जानकारी के अनसुार प्रदेश भर में 11 व 33 केवी क्षमता के सब स्टेशनों के संचालन का काम निजी कंपनियों को सौंपा जा रहा है।
फिलहाल इस योजना झालावाड़, बारां, भिवाड़ी, जयपुर ग्रामीण उत्तर, जयपुर ग्रामीण दक्षिण, भरतपुर, धौलपुर, कोटा ग्रामीण, जयपुर , बूंदी, डीग, करौली, कोटपूतली जिले के सब स्टेशन शामिल किए है।

हेम के आधार पर काम

प्रोजेक्ट में हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के आधार पर काम किया जाएगा। इसमें मीटरिंग, बिलिंग और कलेक्शन भी शामिल है। ऑपरेशन और मेंटीनेंस के लिए एक निर्धारित अवधि तक सेवा ली जाएगी। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि कुछ जगह इनमें से कई काम निजी हाथों में सौंपे गए थे, कई जगह कंपनी बीच में ही काम छोड़ गई तो बिजली सप्लाई से लेकर बिलिंग तक पर सवाल उठ रहे हैं। हेम के तहत जॉइंट वेंचर में 5 कंपनियों के शामिल होने की उमीद है।

दस साल के लिए देंगे

जानकारों ने बताया कि शुरूआत में घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के फीडर को अलग-अलग करना होगा। इसकी लागत 9261 करोड़ रुपए आंकी गई है।

निजी कंपनी को यह काम दस वर्ष के लिए सौंपा जाएगा। उसे सब स्टेशन पर सोलर प्लांट भी लगाना होगा।

जिले में बिजली व्यवस्था : फैक्ट फाइल

झालावाड़ में ग्रिड सब स्टेशन -129

11 केवी फीडर- 685

33 केवी फीडर- 76

प्रदेशभर के 1027 फीडर और 448 ग्रिड सब स्टेशन शामिल किए
झालावाड़, छबड़ा, कोटा, सूरतगढ़, रामगढ़ उत्पादन प्लांट के कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे है।

ये काम होंगे निजी क्षेत्र में

बिजली तंत्र का ऑपरेशन और मेंटीनेंस

33 केवी ग्रिड सब स्टेशन का संचालन।
11 केवी की लाइन और इससे जुड़े अन्य तंत्र का संचालन।

घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के फ ीडर को अलग करना।

संबंधित जीएसएस पर सोलर पैनल लगाना।

इनका कहना है…

विद्युत तंत्र के निजीकरण का लगातार विरोध कर रहे हैं। उत्पादन निगम में भी विरोध हो रहा हैं। निजीकरण कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। ठेकेदार अपनी मनमानी करेंगे। इससे आम जनता और सरकार को काफी नुकसान होगा। सरकार को ये फैसला वापस लेना चाहिए। सरकार नहीं मानी तो आंदोलन ओर तेज होगा।
असलम मिर्जा, जिला महामंत्री, संयुक्त संघर्ष समिति राजस्थान

सरकार की मंशा हैं कि घरेलू और कृषि कनेक्शन अलग-अलग हों, उसके लिए वैसे ही काम करना है। बिजली तंत्र को मजबूत करने के लिए यह काम किया जा रहा है, इसमें जीएसएस पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे।
विशभर सहाय, अधीक्षण अभियंता जयपुर विद्युत वितरण निगम, झालावाड़

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