दिग्विजय सिंह ने कहा- हमारे संन्यासके बाद नए-नए लड़के आगे बढ़ेगे। कांतिलाल भूरिया अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए उन्हें जिता दीजिए। वहीं, दिग्विजय सिंह ने कहा- बीजेपी सरकार गिराने की अपवाह फैला रही है, लेकिन वो सरकार नहीं गिरा सकते। उन्होंने कहा- कांग्रेस का कोई भी विधायक इधर से उधर नहीं जाएगा, हमने तो एक नमूना भी बीजेपी को दिखा दिया। दिग्विजय ने कहा- कांतिलाल भूरिया 1980 से क्षेत्र की जो सेवा की है उसका मान सम्मान रखते हुए इन्हें वोट दें।
वहीं, कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया ने झाबुआवासियों से अपील की है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा- कमलनाथ सरकार ने युवाओं, किसानों, पिछड़ों और आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया है। हम निरंतर आपके विकास के लिए कार्य करते रहेंगे। कांग्रेस लाइये और झाबुआ बनाइये।
कांतिलाल भूरिया ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1972 में छात्र नेता के रूप में की थी। कांतिलाल भूरिया ने शहीद चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय में छात्र नेता के रूप में की थी। कांतिलाल भूरिया विधायक, सांसद भी रह चुके हैं।
प्रशासनिक सेवा में हुआ था चयन
1974 में लॉ करने के बाद उनका चयन राज्य प्रशासनिक सेवा के जरिए डीएसपी पद के लिए हुआ था, लेकिन उन्होंने नौकरी करने की बजाए राजनीति को चुना। भूरिया थांदला विधानसभा सीट से 1980 से 1996 तक लागातार पांच बार विधायक रहे। इस दौरान वो अर्जुन सिंह की कैबिनेट में संसदीय सचिव रहे तो दिग्विजय सिंह की सरकार में आजाक मंत्री बने। कांतिलाल भूरिया 1998 झाबुआ-रतलाम संसदीय सीट से पहली बार सांसद बने। इसके बाद वो 1999, 2004 और 2009 में लोकसभा सांसद रहे। उन्हें 2014 और 2019 में हार का सामना करना पड़ा।