गरबा खेलने आती थी बच्ची
यह घटना
झाबुआ के सिद्धेश्वर कॉलोनी की है जहां शरद पूर्णिमा के मौके पर गरबे का आयोजन किया गया था। गरबे में एक बच्ची भी आई थी। गरबा करते हुए बच्ची अचानक बैठ गई और जमीन में एक तरफ इशारा कर बोली कि आप माता की तस्वीर की पूजा कर रहे हो लेकिन माता तो स्वयं यही है। पहले तो लोगों ने उसकी बात नहीं मानी लेकिन फिर जब उन्होंने उसकी बात मानकर बताई जगह पर खोदना शुरू किया तो स्थल पर मौजूद सभी लोगों के होश उड़ गए। करीब 2-3 फीट खोदने के बाद उन्हें अंबे मां की मूर्ति मिली। ये नजारा देख लोगों ने माता रानी के जयकारे लगाने शुरू कर दिए।
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माता रानी के जयकारे लगाने के बाद जब लोगों को बच्ची का ख्याल आया तो वह उसे ढूंढने लगे लेकिन बच्ची उन्हें कही नहीं मिली। वह मूर्ति मिलने के बाद ही गायब हो गई थी। लोगों ने बताया की बच्ची रोज यहां गरबा करने आती थी लेकिन उस बच्ची को कभी किसी ने नहीं देखा था। इसके घटना लोग चमत्कार मान रहे हैं। उनका मानना है कि दुर्गा मां स्वयं बच्ची का रूप लेकर आई थी। मूर्ति मिलने के बाद लोगों ने निर्णय लिया है कि कॉलोनी में माता का मंदिर बनाया जाएगा जहां समस्त विधि-विधान के साथ मूर्ति को स्थापित किया जाएगा।