झाबुआ उपचुनाव का मोर्चा खुद सीएम कमल नाथ ने संभाल रखा है यही वजह है कि इस बार कांग्रेस में बगावत नहीं हुई है। कांग्रेस के सभी नेता एक जुट दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस का फोकस उन बूथों पर है जहां पर 2018 के विधानसभा चुनाव भाजपा को अधिक वोट मिले थे।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने झाबुआ सीट के लिए मंत्री सुरेन्द्र सिंह हनी को खास जिम्मेदारी दी है। इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि बघेल को वोटिंग होने तक झाबुआ नहीं छोड़ना है। वहीं, सुरेन्द्र सिंह हनी ने कहा- झाबुआ में कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी है। हम हर बूथ पर ध्यान दे रहे हैं। लोग सरकार के कामकाज से खुश हैं।
झाबुआ उपचुनाव को लेकर भाजपा ने भी मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा की तरफ से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मोर्चा संभाल रखा है। राकेश सिंह लगातार झाबुआ में सक्रिय हैं। वो कमलनाथ सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ विधानसभा सीट पर भाजपा के जीएस डामोर ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने डीएस डामोर को झाबुआ संसदीय सीट से मैदान में उतारा था। जीएस डामोर लोकसभा का चुनाव जीत गए थे। पार्टी हाई कमान के निर्देश के बाद जीएस डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ये सीट खाली है।
जीएस डामोर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को हराया था। जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में जीएस डामोर ने कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को हराया था।