अभियोजन के अनुसार 21 वर्षीय युवती 25 नवंबर 2023 को अपने घर में अकेली थी। उसके पिता और भाई सुबह बाइक से हार्वेस्टर से धान काटने के लिए सरसीवां गए थे। उसकी मां गांव में स्थित आंगनबाड़ी में पढ़ाने चली गई थी एवं छोटी बहन कॉलेज में पढ़ने के लिए थी। आरोपी सूनेपन का फायदा उठाकर युवती के घर अपने बाइक से लगभग दोपहर 12 बजे पहुंचा। आरोपी ने अपनी बाइक युवती के घर के बाहर खड़ी की और घर में घुस गया।
कुछ देर बाद घर से हड़बड़ा कर भागते हुए निकला और बाइक से चला गया। वहां पर क्रिकेट खेल रहे कुछ लड़कों ने देखा। आरोपी को घर से भागते हुए युवती की बुआ ने भी देखा था। बुआ ने घर अंदर जाकर देखा तो युवती के दाएं गला की ओर खून निकल रहा था। वह बिस्तर में पड़ी हुई थी।
बुआ ने मां को दी जानकारी
बुआ ने तत्काल आंगनबाड़ी केंद्र जाकर युवती के मां को घटना के बारे में बताया कि तुम्हारी बड़ी बेटी को आरोपी हरिओम ने घर में आकर उसके गले को हथियार से मारकर उसकी
हत्या कर दी है। सूचना मिलने पर थाना बाराद्वार के निरीक्षक विवेचक गगन बाजपेई द्वारा गवाहों से पूछताछ कर के बयान दर्ज किया गया तथा आरोपी हरिओम राठौर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिसमें वाद-विवाद के दौरान परसुल से हत्या करना बताया और परसुल को घर के शौचालय के छत में रखना बताया।
आरोपी गिरफ्तार
आरोपी हरिओम राठौर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। संपूर्ण विवेचना के बाद विशेष न्यायालय फास्ट्रेक कोर्ट सक्ती में अभियोग पत्र पेश किया गया। जिस पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश बीआर साहू ने आरोपी हरिओम राठौर पिता नकुल राठौर (22) निवासी ग्राम खुटादहरा थाना बाराद्वार को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत सक्ती ने पैरवी की।