जिला खाद्य अधिकारी कौशल साहू ने बताया कि कस्टम मिलिंग कार्य में रूचि नहीं लेने पर राइसमिल राज एग्रो इंडस्ट्री पामगढ़ की जांच खाद्य विभाग
जांजगीर-चांपा के संयुक्त दल द्वारा की गई। जांच में कई अनियमिताएं मिली। सही तरीके से स्टेकिंग नही करते हुए धान का उचित रख रखाव मिलर द्वारा नहीं किया गया था। मिलर द्वारा आवश्यक वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के कारण मिल के सत्यापन में प्राप्त 1296 क्विंटल धान को फर्म के प्रोपराइटर सुनील कुमार दिनकर के कब्जे से जप्त किया गया।
इसी प्रकार जांच दल द्वारा राइस मिल केटीएस संस इंडस्ट्री पामगढ़ की भी छापामार जांच की गई। जहां फर्म में गड़बड़ी पाए जाने के कारण फर्म के संचालक सुनील कुमार दिनकर के कब्जे से 354.40 क्विंटल धान एवं 620 क्विंटल चावल जब्त किया गया। मिलरों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। संयुक्त जांच दल ने कुल 1650 क्विंटल धान और 620 क्विंटल चावल जब्त किया है। 3100 रुपए समर्थन मूल्य के हिसाब से धान की कीमत 51 लाख व 3500 रुपए क्विंटल चावल की कीमत के हिसाब से 21 लाख रुपए हो रही है।
चावल जमा करने में लापरवाही पर होगी अब सीधे कार्रवाई
चावल जमा में लापरवाही करने वाले मिलरों पर सत कार्रवाई के निर्देश
कलेक्टर के द्वारा दिए गए हैं। जिस पर जिला खाद्य विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा लगातार छापेमार कार्रवाई की जा रही है। भारतीय खाद्य निगम में स्टेक आबंटन के पश्चात 15 दिवस में चावल जमा करने का नियम है। तय समय पर चावल जमा नहीं करने और नान में संपूर्ण चावल जमा नहीं करने वाले मिलर्स पर प्रशासन के द्वारा नजर रखी जा रही है। धान और चावल की स्टॉक अनुसार गणना योग्य स्टेकिंग करने मिलरों को विशेष हिदायत दी गई है।