CG Winter 2024: छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में सर्दी का सितम अब बढ़ने लगा है। सुबह और शाम के बाद तो लोग घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। दोपहर की धूप भी अच्छी लग रही है। लेकिन ठंड के बीच सुबह बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल जाने को मजबूर हैं।
अब तक प्रशासन की ओर से स्कूलों का समय आगे नहीं बढ़ाया है। आगे और ठंड बढ़ने की संभावना मौसम विभाग द्वारा जताई गई है। ऐसे में कहीं यह बच्चों के भारी न पड़ जाए। जबकि बर्फीली हवा ने बड़ों को घर में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। गुरुवार को रात का तापमान 9.8 डिग्री दर्ज किया गया।
चक्रवाती तूफान का असर खत्म होने के साथ मौसम साफ होते ही ठंड ने अपना कड़ा रूख दिखाना शुरू कर दिया है। ठंडी हवाओं ने पहली बार मौसम में कंपकपी बढ़ने से लोग इस सीजन में पहली मर्तबा कांपते दिखाई दिए। बर्फीली हवाओं के कारण पारा तेजी से लुढ़क गया, लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेने मजबूर हुए। दिन में भी लोग गर्म कपड़ों के लबादे में नजर आए। साथ ही कई लोग बारिश से बचने के लिए रेनकोट में भी नजर आए।
इस सीजन में पहली बार जिले में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे आया है। लिहाजा लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हुए। ठंड के असर से लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित रही। सुबह घर से निकलने वाले लोग स्वेटर, शाल पहने दिखाई दिए। इधर चौक-चौराहों में अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश में लोग नजर आए। वैसे पिछले दो दिनों से सर्द मौसम ने अपना कड़ा रुख अख्तियार किया है। खुले स्थानों पर लोग कई जगह शाम के बाद अलाव का सहारा लेते भी देखे गए।
बच्चों पर जिला प्रशासन को नहीं आ रही दया
दिसंबर में सर्दी का असर दिखना शुरू हो गया था। दिसंबर लगते ही से न्यूनतम पारा 15 डिग्री के नीचे जाने लगा। उस समय सुबह और शाम को हल्की ठंड का असर हो रहा था, लेकिन अब पारा गिरने से ठंड बढ़ने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार जिस तरह मानसून के चार महीने जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है।
डीईओ अश्वनी भारद्वाज ने पिछले कुछ दिनों से ठंड बढ़ गई है। उच्चाधिकारियों से चर्चा कर जल्द ही समय में बढ़ोतरी की जाएगी। ताकी बच्चों को राहत मिल सके।
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