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प्रशासन के मुताबिक यह कवायद दोनों संभाग में जिलों की अधिक संख्या और संभाग मुख्यालय से दूरी व अन्य प्रशासनिक दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। हालांकि माना जा रहा है कि जम्मू संभाग और कश्मीर संभाग के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बैलेंस करने के लिए यह फैसला किया गया है। क्योंकि पहले कश्मीर संभाग के 10 जिलों से 46 विधायक तो 3 सांसद आते थे। वहीं जम्मू संभाग के 10 जिलों से 37 विधायक और 2 सांसद आते थे।
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कश्मीर संभाग में कुछ इलाके कम होने पर जम्मू संभाग को मजबूती मिलेगी। विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद इस पर फैसला हो सकता है। सूत्रों के अनुसार नए संभाग के लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है। पूरा रोड मैप तैयार करने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। कश्मीर संभाग के अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम के साथ-साथ जम्मू के किश्तवाड़, डोडा और रामबन के साथ मिलाकर नया संभाग बनाए जाने के आसार हैं।