अनुच्छेद 370, 35ए पर स्पष्ट प्रस्ताव लाने की जरूरत: लोन
Jammu Kashmir में हंदवाड़ा के विधायक एवं जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने शुक्रवार को विधानसभा में अनुच्छेद 370, 35 ए पर एक स्पष्ट प्रस्ताव लाने की जरूरत बताई। लोन ने कहा कि विशेष दर्जा की बहाली के लिए हाल ही में पारित प्रस्ताव ‘कमजोर’ है और इसमें अनुच्छेद 370, 35 ए का उल्लेख नहीं है। साथ ही 5 अगस्त, 2019 के एकतरफा फैसलों की स्पष्ट निंदा का भी अभाव है। उन्होंने उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि 2014 के बाद से यह उनका पहला भाषण है, जिसमें बीच के वर्षों में हुए गहन परिवर्तनों पर जोर दिया गया। अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करना, पांच साल तक चुनाव की अनुपस्थिति और जम्मू-कश्मीर की स्थिति को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश में घटाना, ये सब उसके लोगों की सहमति के बिना किया गया।उन्होंने कहा कि मुझे यह स्वीकार करते हुए दुख हो रहा है कि अब हम ‘राज्यपाल’ के बजाय ‘उपराज्यपाल’ को संबोधित करते हैं। पांच अगस्त को हमेशा एक काले दिन के रूप में याद किया जाएगा, जब लोगों की इच्छा को कुचल दिया गया। राजभवन में एक गैर-राज्य विषय ने लोगों की ओर से ऐसे फैसलों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें जम्मू-कश्मीर की आवाज की अनदेखी की गई। विधानसभा के कमजोर होते अधिकार पर विचार करते हुए लोन ने कहा कि पूर्ववर्ती विधायिका और आज की विधायिका की तुलना नहीं की जा सकती। हम अपनी या कैबिनेट की शक्तियों की सीमा को भी नहीं समझते हैं। यह विधानसभा अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में कमजोर है।