कोर्ट में कर दी गलती
दरअसल, पीड़िता का आरोप था कि उसके प्रेमी और 2 दोस्तों ने एक आपत्तिजनक वीडियो को सोशल मीडिया में शेयर करने की धमकी दी थी। इसी वीडियो को जब पॉक्सो कोर्ट में पीड़ित नाबालिग को दिखाया गया तो वह खुद को वीडियो में पहचान ही नहीं पाई। पीड़िता ने इंकार कर दिया कि वीडियो में जो लड़की संबंध बनाते हुए दिख रही है वो वह नहीं है। इससे पीड़िता का केस कमजोर पड़ गया और पर्याप्त सबूत न होने के कारण कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। आरोपियों के वकील ने बताया कि दो आरोपी 90 दिन और तीसरा आरोपी 96 दिन जेल में रहा था। एमपी में तत्काल टिकट की तरह होगी मकान-जमीन की रजिस्ट्री, तुरंत होगा नामांतरण ये है मुकदमे के पहले की कहानी
दरअसल, पीड़िता ने बताया था 1 जून 2024 को सोशल मीडिया के माध्यम से बने दोस्त ने उसे कंपू के हनुमान मंदिर बुलाया था। वहां पीड़िता उसके 2 और दोस्तों से भी मिली थी। वहां तीनों युवकों के साथ पीड़िता एक कार में बैठकर निकले और एक जगह उसके दोस्त ने उससे अपने प्यार का इजहार किया था। लड़के ने लड़की के साथ संबंध बनाए। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने इसका वीडियो बनाया और अपने दोस्तों के साथ वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देने लगा।