ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि सूर्य पूजा से आरोग्य और यश प्राप्त होता है। सभी सरकारी नौकरियां, सरकारी कामकाज सूर्यदेव के अधीन हैं, उनके आशीर्वाद से ही इनमें सफलता मिल सकती है। सप्तमी के दिन पूरे विधि-विधान से सूर्य उपासना करनी चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। सूर्य देव के बीज मंत्र का जाप करें, गायत्री मंत्र का पाठ करें. इस दिन सूर्यदेव की प्रसन्नता के लिए आदित्यहृदय स्त्रोत्र का पाठ अवश्य करें।
सप्तमी तिथि को कुछ चीजों का निषेध किया गया है। इस दिन नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। इस दिन किसी भी बात को लेकर दुखी नहीं होना चाहिए और प्रसन्न मन से सूर्य उपासना करना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को कटु वचन नहीं बोलने चाहिए। किसी भी हाल में लड़ाई.झगड़ा नहीं करना चाहिए। इस दिन रजस्वला स्त्री के संपर्क में भी नहीं आना चाहिए। नशीली वस्तुओं का सेवन और जुआ आदि से भी बचना चाहिए। तेल का स्पर्श नहीं करना चाहिए।
इस दिन पिता के चरण छूकर उनका आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए। धर्मशास्त्रों और ज्योतिष ग्रंथों के मुताबिक सप्तमी पर व्रत रखकर सूर्यदेव की पूजा के प्रताप से पितृदोष से भी मुक्ति मिल जाती है। जो लोग पितृ दोष से पीड़ित हैं उन्हें इससे मुक्त होने के लिए सप्तमी के दिन सूर्य पूजा जरूर करना चाहिए। प्रत्येक सप्तमी को भगवान सूर्य की पूजा करने से धीरे-धीरे बहुत लाभ शुभ होगा. आपके रोग, शोक, कष्ट आदि नष्ट हो जाएंगे। जीवन में बार-बार आती परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा।
19 अप्रैल 2021 दिन सोमवार सप्तमी पूजन मुहूर्त
सप्तमी तिथि प्रारंभ- 18 अप्रैल रात्रि 10 बजकर 35 मिनट पर
सप्तमी तिथि समाप्त- 19 अप्रैल रात्रि 12 बजकर 02 मिनट पर