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जयपुर

सोमवती अमावस्या पर बन रहा विशेष संयोग, तीर्थ स्नान व दान-पुण्य लाएंगे सुख—समृद्धि

Somvati Amavasya : साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को मनाई जाएगी। फाल्गुन अमावस्या पर सोमवार और शिव योग का संयोग बन रहा है, जो तीर्थ स्नान और दान-पुण्य के लिए विशेष फलदायक बताया जा रहा है।

जयपुरFeb 19, 2023 / 12:13 pm

Girraj Sharma

सोमवती अमावस्या पर बन रहा विशेष संयोग, तीर्थ स्नान व दान-पुण्य लाएंगे सुख—समृद्धि

सोमवती अमावस्या पर बन रहा विशेष संयोग, तीर्थ स्नान व दान-पुण्य लाएंगे सुख—समृद्धि

जयपुर। साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को मनाई जाएगी। फाल्गुन अमावस्या पर सोमवार और शिव योग का संयोग बन रहा है, जो तीर्थ स्नान और दान-पुण्य के लिए विशेष फलदायक बताया जा रहा है। भक्त गलता स्नान करेंगे, वहीं इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगी और पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगाएंगी।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल की फाल्गुन अमावस्या पर सोमवार और शिव योग का संयोग बन रहा है। इस दिन अमावस्या होने से पूजा और तर्पण को दोगुना फल प्राप्त होता है। ये दिन और योग दोनों ही महादेव को समर्पित है। इस दिन मंत्र जाप, तप, श्राद्ध कर्म करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। धनिष्ठा नक्षत्र 11: 40 मिनट तक रहेगा, उसके बाद शतभिषा नक्षत्र प्रारंभ होगा जो कि देर रात तक रहेगा। साथ ही सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को पारिघ योग सुबह 11:03 मिनट तक रहेगा। इसके बाद से शिव योग की शुरुआत होगी। इस दिन गौरी के साथ शुभ योग दोपहर 12:35 तक रहेगा। शिव पार्वती की पूजा से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी। वही पीपल की पूजा करने से पितृ देवो का आशीष मिलेगा।

2023 में तीन सोमवती अमावस्या का योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल 3 सोमवती अमावस्या का योग बन रहा है। जिसमें पहला योग 20 फरवरी को, दूसरा योग 17 जुलाई को, वही तीसरा और आखिरी योग 13 नवंबर को रहेगा।

 

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सुख-समृद्धि के लिए करें पितृ तर्पण…
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र तीर्थ स्नान एवं दान के साथ-साथ तर्पण आदि का भी विशेष महत्व है। इस दिन स्नान के बाद पितरों के आत्मा की शांति के लिए तर्पण आदि जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितर प्रसन्न होते हैं। साथ ही इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और जीवन में सभी दुखों का नाश हो जाता है।

https://youtu.be/htLuUeTmf1U

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