कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गो भक्त, साधु-संत और जयपुरवासी एकत्रित हुए। सभी ने एक स्वर में गाय को राज्य और फिर राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने की बात कही। यात्रा के सह-प्रभारी ताराचंद कोठारी ने बताया कि कार्यक्रम में आए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, संत गोपालमणि, विधायक बालमुकुंदाचार्य, संत प्रकाशदास सहित अन्य संत महात्मा शामिल हुए।
संविधान में भी है गाय को स्थान
शंकराचार्य ने कहा कि शास्त्रों, वेद-पुराणों और यहां तक की देश के संविधान में भी गोमाता को स्थान दिया है। संविधान में कहा है कि गायों का संरक्षण करना चाहिए उनको काटकर बेचा नहीं जाना चाहिए। इसके विपरित आज काटने वालों को लाइसेंस दिए जा रहे हैं। सरकार गाय को माता नहीं मानती इसलिए देश में गाय काटी जा रही है। हमें सरकार से सोना, चांदी, रूपया, पैसा अनुदान आदि नहीं चाहिए। जिसे माता कहकर पुकारा है उसे माता स्वीकार कर लीजिए। हम बस चाहते हैं कि महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान में गाय को राज्य माता घोषित किया जाए। इसके लिए 31 विधायकों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की है। भारतीय गो क्रांति मंच के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद कोठारी ने बताया कि बड़ी संख्या में गो प्रेमी शामिल हुए।
सभी का मकसद सिर्फ गाय को राज्य व राष्ट्र माता का दर्जा दिलाना
संत प्रकाश दास ने बताया कि देशभर में इसके लिए यात्राएं हो रही हैं, जिसमें कई भक्त ऐसे हैं जो दंडवत यात्रा कर रहे हैं। साथ ही कई ने जूते-चप्पल भी नहीं पहने हैं। सभी का मकसद सिर्फ देशी नस्ल की गायों को राज्य और राष्ट्र माता का दर्जा दिलाना है। ताराचंद ने कहा कि इस संबंध में राजस्थान की 23 विधानसभा के विधायकों का समर्थन मिल चुका है। सनातन धर्म में वेद, उपनिषद्, पुराणों सहित समस्त धर्मशास्त्रों में गो की महिमा गई है।
गौरतलब है कि सम्पूर्ण भारत में गो प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा 22 सितम्बर से 26 अक्टूबर तक होनी है, जो 36 प्रदेशों की राजधानियों तक जाएगी। पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर होते हुए 26 अक्टूबर को दिल्ली में समापन होगा।