दरअसल, अजय देवंदा राजधानी जयपुर के करतारपुरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पदस्थापित हैं। इसी विद्यालय में तैनात टीचर रेखा सोनी का 7 अक्टूबर को एक वीडियो सामने आया था। इसमें बच्चे उनके पैर दबाते हुए नजर आ रहे थे। इसके बाद रेखा सोनी को एपीओ कर दिया गया था।
मुझे परेशान किया जा रहा- नेत्रहीन शिक्षक
नेत्रहीन शिक्षक अजय देवंदा ने मंत्री से रोते हुए बताया पिछले काफी दिनों से मुझे परेशान किया जा रहा है। मेरे खिलाफ बेवजह जांच बैठा दी गई। मैंने मेरा फोन भी चेक कर लिया, मैं गलत नहीं था। स्कूल में ही गलत हो रहा था अगर फिर भी मेरी गलती लगती है तो मुझे पकड़ कर जूते मार लो, लेकिन बेवजह परेशान तो मत करो साहब।
शिक्षक ने कहा कि मैं अंधा होकर पैरालिंपिक खेलने जा रहा हूं। प्रिंसिपल अंजू और स्टूडेंट्स से पैर दबवाने वाली टीचर रेखा सोनी मुझ पर दबाव बनाकर झूठा बयान दिलवाना चाहते हैं। वे इस बात का दबाव बना रहे है कि मैं ये लिखकर दूं कि वह वीडियो फर्जी था। ऐसा नहीं करने पर धमकी दी कि मेरे खिलाफ जांच करवाएंगे कि मैंने शिक्षा मंत्री के आदेश के खिलाफ स्कूल में फोन का इस्तेमाल किया।
शिक्षक ने कहा कि ये तीनों चाहते हैं कि वायरल वीडियो मामले में सारी गलती मैं खुद पर ले लूं और कहूं कि वह वीडियो फर्जी और एडिटेड था। मेरी छवि को खराब करने के साथ ही स्कूल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर मुझे नोटिस दे रहे हैं।
शिक्षामंत्री दिलावर ने दिए ये निर्देश
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पीड़ित नेत्रहीन शिक्षक की पीड़ा सुन जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्रारंभिक, स्कूल की प्रिंसिपल अंजू और टीचर रेखा सोनी के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के लिए निदेशक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तीनों मिलकर बेवजह दृष्टिहीन टीचर को परेशान कर रहे हैं। हकीकत यह है कि स्कूल में ब्रेन लिपि से पढ़ाने के लिए फोन लेकर गए थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में मोबाइल का इस्तेमाल करने के खिलाफ दिए गए नोटिस को भी रद्द कर दिया है।
ये था पूरा मामला
गौरतलब है कि 10 अक्टूबर को जयपुर के करतारपुरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के छात्रों से पैर और कमर दबवाने का वीडियो सामने आया था। इस पर कार्रवाई करते हुए शिक्षिका को एपीओ किया गया था। वहीं, बाद में एक नेत्रहीन शिक्षक पर इस वीडियो को बनाने, वीडियो को वायरल करने का आरोप लगाते हुए 16 सीसीए का नोटिस दिया गया था।