इन कार्यों में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 करोड़ रुपए की लागत से नॉन पेचेबल/मिसिंग लिंक सड़कों के निर्माण कार्य के लिए कुल 1870 करोड़ रुपए की स्वीकृति शामिल है। साथ ही आदिवासी एवं मरूस्थलीय क्षेत्रों के 250 से अधिक आबादी वाले राजस्व गांवों को चरणबद्ध रूप से डामर सड़कों से जोड़ने के लिए 694 गांवों पर 1166 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। गहलोत ने 96 नगरीय निकायों के 1375 कार्यों केलिए 488.80 करोड़ रुपए का भी वित्तीय प्रावधान किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में प्रदेश में आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने की दृष्टि से विभिन्न सड़क विकास कार्यों की घोषणा की थी। इसी क्रम में यह प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है।
11 सड़क कार्यों के लिए 79 करोड़ रुपए स्वीकृत
सीएम ने प्रदेश में 11 सड़क कार्यों के लिए 79 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी है। इस स्वीकृति से 63.88 किलोमीटर लंबाई के सड़क विकास कार्य किए जाएंगे। इन कार्यां में एनएच 79 से चरलिया ब्राहमण-कोटडी कलां-रीछमाला होते हुए एनएच-113 तक (16.50 किमी), भरतपुर जिले में करौली मासलपुर सड़क से यूपी बॉर्डर तक (11 किमी), बाड़मेर जिले में रिफायनरी गेट नंबर 3 से एनएच 25 तक दो लेन सड़क (1.83 किमी), बीकानेर जिले में जसरासर से जगरजाना (5 किमी), जसरासर से मसूरी (11 किमी) तथा उतमामदेसर से मेवसर (6 किमी), हनुमानगढ़ जिले में निमलाई से चौबारा (3.5 किमी) तथा भानगढ़ से रामसरा (4 किमी) सड़क निर्माण कार्य शामिल हैं। साथ ही जोधपुर जिले में आरटीओ ऑफिस सारण नगर ओवरब्रिज से भदवासिया सड़क तक सिंगल लेन से डबल लेन सड़क का कार्य (2.15 किमी), वीर तेजाजी ओवरब्रिज से खोखरिया की तरफ तक डबल लेन डामर सड़क निर्माण कार्य (2.1 किमी) तथा मण्डोर से सूरसागर वाया बालसमन्द तक चौडाईकरण कर 4 लेन (0.8 किमी) सड़कों के विकास कार्य किए जाएंगे। इसकी भी सीएम ने बजट में घोषणा की थी।