मुख्यमंत्री आवास पर हर 15 दिन में जाता था बाबूलाल कटारा, सीबीआई जांच से खुलेंगे पेपर लीक के तार: राठौड़
मानव सेवा सप्ताह के संयोजक वासुदेव चावला व सह संयोजक प्रशांत टावरी ने बताया कि कई जगह ब्लड ज्यादा हो जाने के कारण बल्ड बैंकों ने रक्त जमा करने से ही मना कर दिया, जो राजस्थान के इतिहास में पहली बार हुआ। इसी उपलक्ष्य में 200 विधानसभा क्षेत्रों में रक्तदान शिविर लगाकर समर्थकों ने अपने नेता के प्रति आस्था जताई। राठौड़ जब पहली बार चिकित्सा मंत्री बने तब रक्त की कमी से हजारों लोगों की असमय मृत्यु हो जाती थी। तब से ही उन्होंने रक्तदान को जीवन का हिस्सा बना लिया। वर्ष 1993 से यह सिलसिला जारी है। पिछले वर्ष 45 हजार और 2012 में 25 हजार यूनिट रक्त एकत्र हुआ।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तोहफा, 19 नए जिलों के बाद अब नई 10 नगरपालिका का गठन
मैं खून का रिश्ता बनाने आया हूं:चूरू में राजकीय नेत्र चिकित्सालय में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने रक्तदान शिविर में अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों से कहा कि वे स्नेह और प्रेम के लिए लोगों के ऋणी रहेंगे।