इसके अंतर्गत देश के 1.72 युवाओं को विधिवत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण का पूरा खर्च भारत सरकार वहन करेगी। इस योजना के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश में 2200, गुजरात में 632, छत्तीसगढ़ में 209 और बिहार में 1400 युवाओं ने पंजीकरण कराया है। इस योजना मंे सबसे ज्यादा हिस्सेदारी तमिलनाडू करता नजर आ रहा है। तमिलनाडु के सबसे अधिक 56 हजार युवाओं ने आवेदन किया है।
दक्षिण भारत में छह माह का प्रशिक्षण
कर्मकांड के लिए मोदी सरकार के मंत्रालय ने जो योजना तैयार की है। इसके अतंर्गत दक्षिण भारतीय युवाओं को छह माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा जब कि अन्य राज्यों में यह प्रशिक्षण तीन से छह माह का रहेगा। इसका कारण यह है कि पूजापाठ, कर्मकांड में पढ़े जाने वाले संस्कृत के श्लोकों को हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद करके किया जाएगा। हिंदी वाले इलाकें में हिंदी प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होगी तो यहां कोर्स मात्र तीन माह का होगा बाकी के लिए यह छह माह रहेगा।
सिखाई जाएगी आनलाइन पूजा
सरकार ने आनलाइन पूजा कराने पर बहुत जोर दिया है। सरकार की मंशा है कि बहुत से भारतीय विदेशों में पूजा पाठ कराना चाहते हैं लेकिन उन्हें कुशल पंडित नहीं मिलते है। ऐसे में यह पंडित न केवल वहां पर आनलाइन के माध्यम से पूजा करा देंगे बल्कि दक्षिणा के माध्यम से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ाएंगे। मंत्रालय का मानना है कि युवाओं में धर्मपरायण्ता बढ़ी है। ऐसे में आने वाले समय में आॅनलाइन के माध्यम से पूजा पर ज्यादा जोर होगा। मंत्रालय ने सभी पंडितों के लिए एक वेबसाइट तैयार की है। सभी लोग यहां उपलब्ध रहेंगे अपने प्रशिक्षण और ज्ञान के आधार पर। अलग-अलग कर्मकांड और पूजा पाठ के लिए अलग-अलग वर्ग बना रहेगा। कलस्टर माध्यम से सभी को काम मिलेगा और इससे सभी को लाभ होगा।