चिकित्सा विभाग ने शिशु के पूर्ण स्वस्थ की करी पुष्टि
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. अलंकार गुप्ता बताते हैं कि रिंछा निवासी शिशु अहमदाबाद के चांदखेड़ा स्थित चिकित्सालय में भर्ती था। यहां उसकी तबीयत में सुधार होने तथा दुग्धपान सहित नॉर्मल श्वसन क्रिया करने पर उसे सोमवार रात्रि को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है तथा वह मंगलवार को ननिहाल आ गया है। गौरतलब है कि चीन से फैला एचएमपीवी वायरस की एन्ट्री कर्नाटक के बाद सीधे डूंगरपुर जिले में होने से चिकित्सा विभाग के साथ ही पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। इस पर चिकित्सा विभाग एहतियातन कदम उठा रहा है।
शिशु का वजन था कम
डूंगरपुर के रिंछा निवासी बच्चे का जन्म 23 अक्टूबर 2024 को गुजरात के मोड़ासा के निजी चिकित्सालय में हुआ था। इस समय बच्चे का वजन दो किलो 300 ग्राम ही था। बच्चे सहज रुप से श्वसन क्रिया नहीं कर पा रहा था। ऐसे में परिजन शिशु को लेकर अहमदाबाद ले गए तथा वहां उसका 20 दिन तक लगातार उपचार चला। हालात सुधरने पर उसे वापस घर लाए थे। पर, फैफड़ों में संक्रमण बढऩे तथा सर्दी, खासी एवं बुखार बढऩे पर एक बार फिर उसे 26 दिसंबर को अहमदाबाद के चांदखेड़ा में एक निजी चिकित्सालय में भर्ती किया था। यहां शिशु को वेंटीलेटर पर भी रखा था। वहां उसमें एचएमपीवी वायरस की पुष्टि होने पर उसे गहन चिकित्सा में रखा। यहां उपचार के बाद अब स्वस्थ्य हुआ तथा प्राकृतिक श्वास लेने के साथ ही मां का दुग्धपान करने लगा। इस पर उसे सोमवार को छुट्टी दे दी।
सर्वे किया तो हुआ खुलासा, डूंगरपुर में छह दिन में 617 बच्चे बीमार
मौसम बदलने के साथ ही जिला मुख्यालय पर स्थित श्रीहरिदेव जोशी सामान्य चिकित्सालय में बच्चों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी जारी है। जिला मुख्यालय पर स्थित श्रीहरिदेव जोशी सामान्य चिकित्सालय में एक जनवरी से छह जनवरी के मध्य 617 बच्चे पहुंचे हैं। हालांकि, यह सभी नॉर्मल थे। कुछेक बच्चे अधिक बीमार होने पर उन्हें पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
जांच के लिए आईटीपीसीआर किट ही नहीं
पूरे देश में तीसरा मामला डूंगरपुर जिले में सामने आया है। इसके बाद स्थानीय चिकित्सा महकमा एक्शन मोड में आ गया है। फिलहाल जांच के लिए आईटीपीसीआर किट नहीं है। पर, उसकी डिमाण्ड भी भेज दी है।