शंख रखने के नियम (rules for keeping conch shells)
वास्तु शास्त्र में शंख का विशेष महत्व है। इसे देवी-देवताओं का प्रतीक माना गया है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसको वास्तु शास्त्र के अनुसार रखने पर घर में कई तरह के फायदे होते हैं।
शंख के प्रकार और उनका महत्व (Types of conch shells and their importance)
दक्षिणावर्ती शंख: इसे लक्ष्मी शंख भी कहा जाता है और यह धन-संपत्ति बढ़ाने में मदद करता है। वामावर्ती शंख: यह दुर्लभ होता है और इसे पूजा में उपयोग नहीं किया जाता। गणेश शंख: इसे गणपति का प्रतीक माना जाता है और यह घर में शांति बनाए रखने में सहायक होता है।
घर में शंख रखने के नियम (Rules for keeping conch shells at home)
सही दिशा का चुनाव: शंख को हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। इसे ईशान कोण में रखना शुभ माना जाता है। पूजा स्थल में रखें: शंख को पूजा के स्थान पर रखें और इसे नियमित रूप से पूजा में शामिल करें। साफ-सफाई का ध्यान: शंख को हमेशा स्वच्छ रखें। गंदा शंख नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
शंख बजाने का समय: शंख को सुबह और शाम को बजाना चाहिए। यह वातावरण को शुद्ध करता है और सकारात्मकता बढ़ाता है। किसी और का शंख न लें: दूसरों के घर का उपयोग किया हुआ शंख घर में न रखें।
शंख के लाभ (Benefits of Shellfish)
शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता बढ़ती है। स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, क्योंकि इसके ध्वनि तरंगों से वातावरण शुद्ध होता है। आर्थिक संकटों से छुटकारा मिलता है और घर में समृद्धि आती है। मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
घर में इस तरह के शंख न रखें (Do not keep such conch shells in the house)
टूटा हुआ या खराब शंख कभी न रखें। पूजा के बिना शंख का उपयोग न करें। इसे रसोईघर या शौचालय के पास न रखें। शंख का अनादर करने से वास्तुदोष उत्पन्न हो सकता है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।