scriptMustard farmers: सरसों किसान निराश, भावों में असमंजस, अगली बिजाई पड़ेगा फर्क | Mustard farmers disappointed, confusion in prices, next sowing will make a difference | Patrika News
जयपुर

Mustard farmers: सरसों किसान निराश, भावों में असमंजस, अगली बिजाई पड़ेगा फर्क

वायदा बाजार में खाद्य तेल तिलहन वायदा प्रतिबंधित होने से व्यापारी वर्ग या प्रोसेसर को अग्रिम सौदे करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि मोपा के संयुक्त सचिव अनिल चतर ने कहा कि 8 अक्टूबर 2021 को सरकार ने तेल तिलहन जिंसों में अचानक से वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी।

जयपुरOct 03, 2022 / 11:59 am

Narendra Singh Solanki

Mustard farmers: सरसों किसान निराश, भावों में असमंजस, अगली बिजाई पड़ेगा फर्क

Mustard farmers: सरसों किसान निराश, भावों में असमंजस, अगली बिजाई पड़ेगा फर्क

वायदा बाजार में खाद्य तेल तिलहन वायदा प्रतिबंधित होने से व्यापारी वर्ग या प्रोसेसर को अग्रिम सौदे करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि मोपा के संयुक्त सचिव अनिल चतर ने कहा कि 8 अक्टूबर 2021 को सरकार ने तेल तिलहन जिंसों में अचानक से वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। मोपा ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि तेल व तिलहन पर वायदा कारोबार शीघ्र शुरू किया जाए। वायदा बाजार पर रोक लगने से किसान असमंजस में हैं कि उनका माल किस भाव पर बिकेगा। इसी प्रकार उपभोक्ता को यह पता ही नहीं लगता कि उसे माल किस भाव पर खरीदना होगा। चतर ने बताया कि वायदा बाजार फिर से शुरू करने से केन्द्र के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में देश के किसानों के पास सरसोंए सोयाबीन एवं मूंगफली का स्टॉक करीब 90 लाख टन है। खरीफ सीजन की फसल में सोयाबीन एवं मूंगफली की पैदावार क्रमश 130 लाख टन तथा 85 लाख टन के करीब होने का अनुमान है।
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वायदा कारोबार से त्योहारी सीजन में कीमतों में स्थिरता
मोपा के संयुक्त सचिव अनिल चतर ने कहा कि आगामी रबी सीजन की सरसों एवं अन्य तिलहनों की पैदावार सहित हमारे पास अप्रेल तक करीब 350 लाख टन तिलहनों का स्टॉक रहेगा। यहीं कारण है कि सरकार को अभी से वायदा बाजार से रोक तुरंत प्रभाव से हटा लेनी चाहिए। वायदा कारोबार शुरू होते ही त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों की कीमतों में स्थिरता देखने को मिलेगी। चतर ने बताया कि पूर्व में भारत सरकार ने सोयाबीन सीड एवं ऑयलए उड़दए चनाए ग्वारए ग्वार गम तथा अरंडी आदि कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाया थाए लेकिन उचित समय पर सरकार ने निर्णय लेकर इनके वायदा बाजार को बहाल कर दिया थाए जिसके परिणाम अनुकूल रहे। लिहाजा तेल तिलहन वायदा बाजार को भी शीघ्र शुरु करने की जरूरत है।
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वायदा कारोबार के फायदे
– डिजिटल प्लेटफार्म से किसानों को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजारों का ज्ञान
– राष्ट्रीय ऑयल मिशान के उदे्श्यों और प्र्रधानमंत्री द्वारा किसानों की आय में वृद्धि
के वादे को प्राप्त करने में सहायक
– खाद्य तेलां के आयात के मामले में भारत प्राइस सेटर के स्थान पर प्राइस टेकर
की स्थिति में बनेगा
– अच्छी बारिश से खरीफ एवं रबी मौसम में आत्मनिर्भरता को बल

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