जीरे का छौंका पड़ेगा महंगा, 300 रुपए किलो तक जा सकते है दाम
वायदा कारोबार से त्योहारी सीजन में कीमतों में स्थिरतामोपा के संयुक्त सचिव अनिल चतर ने कहा कि आगामी रबी सीजन की सरसों एवं अन्य तिलहनों की पैदावार सहित हमारे पास अप्रेल तक करीब 350 लाख टन तिलहनों का स्टॉक रहेगा। यहीं कारण है कि सरकार को अभी से वायदा बाजार से रोक तुरंत प्रभाव से हटा लेनी चाहिए। वायदा कारोबार शुरू होते ही त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों की कीमतों में स्थिरता देखने को मिलेगी। चतर ने बताया कि पूर्व में भारत सरकार ने सोयाबीन सीड एवं ऑयलए उड़दए चनाए ग्वारए ग्वार गम तथा अरंडी आदि कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाया थाए लेकिन उचित समय पर सरकार ने निर्णय लेकर इनके वायदा बाजार को बहाल कर दिया थाए जिसके परिणाम अनुकूल रहे। लिहाजा तेल तिलहन वायदा बाजार को भी शीघ्र शुरु करने की जरूरत है।
लालमिर्च हुई लाल, पिछले साल के मुकाबले दाम दोगुने
वायदा कारोबार के फायदे– डिजिटल प्लेटफार्म से किसानों को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजारों का ज्ञान
– राष्ट्रीय ऑयल मिशान के उदे्श्यों और प्र्रधानमंत्री द्वारा किसानों की आय में वृद्धि
के वादे को प्राप्त करने में सहायक
– खाद्य तेलां के आयात के मामले में भारत प्राइस सेटर के स्थान पर प्राइस टेकर
की स्थिति में बनेगा
– अच्छी बारिश से खरीफ एवं रबी मौसम में आत्मनिर्भरता को बल