कार्तिक माह प्रदोष व्रत (Kartik Month Pradosh Vrat)
दक्षिण भारत में प्रदोष व्रत को “प्रदोषम” के नाम से जाना जाता है और इस व्रत को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है। जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। कुछ लोग शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रदोष के बीच फर्क बताते हैं। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं।कार्तिक माह प्रदोष व्रत तिथि (Kartik Month Pradosh Vrat Date)
हिंदू पंचाग के अनुसार, कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरूआत 13 नवम्बर को दोपहर 01 बजकर 1 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगी। वही इसका समापन अगले दिन यानि 14 नवम्बर को सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर होगा।पूजा का शुभ मुहूर्त (Subh Muhurat)
प्रदोष पूजा मुहूर्त: 05:30 संध्या से 08:08 संध्याअवधि: 02 घण्टे 38 मिनट्स दिन का प्रदोष समय: 05:30 संध्या से 08:08 संध्या यह भी पढ़ेः वास्तु के 6 नियमों को ध्यान में रखकर ही घर में बनाएं पूजा घर