जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज आज, गुलजार के शब्दों से गुलजार होगा गुलाबी शहर
साथ ही महिलाओं के लिए उन्होंने कहा कि हम मंदिरों में जाकर देवी की पूजा करते हैं, महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, वहीं असल में देवी पूजा होगी। उन्होंने बताया कि कैसे वह भारत आई और फिर यहां की होकर रह गई। देश में उन्हें शांति मिली। सेशन में उन्होंने अपनी आध्यात्मिक जर्नी के बारे में भी बात की।