राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता और गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई इस बैठक में जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, भीलवाड़ा, अजमेर, करौली-धौलपुर, गंगानगर, झुंझुनूं, राजसमंद, टोंक-सवाई माधोपुर में जिताऊ प्रत्याशियों पर मंथन हुआ।
सूत्रों का कहना है कि बहुत संभावना है कि एक-दो में टिकट जारी हो सकते हैं। राजस्थान के बारे में पहली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में चर्चा हो चुकी है, इस नाते एक और बैठक की अनिवार्यता नहीं है।
लोकसभा चुनाव नामांकन प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। इस बीच प्रदेश की कुछ लोकसभा सीट पर निर्दलीय विधायकों ने चुनाव लड़ने का संकेत देकर भाजपा की चिंता बढ़ा दी। इनमें से दो सीट पर सीएम भजनलाल शर्मा के प्रयास से इन विधायकों को साथ लेने में पार्टी को सफलता मिल गई, जबकि एक सीट पर डेमेज कंट्रोल करने के अब भी प्रयास जारी हैं।
वहीं, कांग्रेस में टिकट वितरण से कई नेता और कार्यकर्ता नाराज है। इन्हें मनाने के लिए पार्टी के बड़े नेता सक्रिय हो गए है। हालांकि पार्टी को अभी किसी भी सीट पर डेमेज कट्रोल में कोई सफलता नहीं मिल पाई है।
भाजपा ने सबसे पहले डेमेज कन्ट्रोल जोधपुर लोकसभा सीट पर किया। सीएम की मौजूदगी में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व विधायक बाबू सिंह राठौड़ की के गिले शिकवे दूर करवाए। इसी सीट पर नाराज दिख रहे जसवंत सिंह विश्नोई को एक बोर्ड का चैयरमेन बना उनकी नाराजगी दूर की।
इसके बाद चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी से विधानसभा में टिकट कटने से नाराज हुए चन्द्रभान सिंह आक्या को भी सीएम मौजूदगी में मनाया।
अब पार्टी बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर मंडरा रहे खतरे को खत्म करने में जुट गई है। सीएम ने बाड़मेर से भाजपा प्रत्याशी व केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और भाटी की बातचीत करवाई है। निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह हालांकि, अभी बातचीत नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि कोई ना कोई निर्णय पार्टी करवा ही लेगी। वहीं भाटी कह रहे हैं कि जनता का निर्णय मान्य होगा।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। टिकट वितरण के साथ पार्टी को अलवर और चूरू में नेताओं के असंतोष का भी सामना करना पड़ रहा है। अलवर में टिकट वितरण से नाराज होकर पूर्व सांसद करण सिंह यादव और जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर ने जहां भाजपा ज्वाइन कर ली, वहीं चूरू में भी भाजपा से कांग्रेस में आए राहुल कस्वां को टिकट देने से स्थानीय नेताओं में अंदरखाने नाराजगी बढ़ रही है।
पार्टी नेताओं का दावा है कि जो लोग पार्टी छोड़कर गए हैं वो अपने निजी हितों के लिए गए हैं। चूरू में राहुल कस्वां को अंदरखाने विरोध कर रहा है। लेकर पार्टी का एक धड़ा जाट नेताओं के साथ ही अल्पसंख्यक नेताओं में राहुल कस्वां को टिकट देने को लेकर नाराजगी है। पूर्व विधायक कृष्णा पूनिया यहां से टिकट मांग रही थीं। उनके साथ ही स्थानीय नेताओं को मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।