इन आठ ब्लॉकों भूजल उपयोग में आई है गिरावट
भावे ने बताया कि अटल भूजल योजना का सकारात्मक प्रभाव आठ ब्लॉकों में पहले की देखा गया है। इनमें बारां जिले के अटरू और बारां, अजमेर जिले के अजमेर ग्रामीण और किशनगढ़ सिलोरा, अलवर जिले के राजगढ़, कोटा जिले के सांगोद ब्लॉक, तथा झालावाड़ जिले के खानपुर हैं, जहां भूजल उपयोग में गिरावट देखी गई है। भावे ने कहा कि हम 2025 और अगले कुछ वर्षों में इन 17 जिलों में भूजल के स्तर में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
5 साल पहले की गई थी योजना की शुरुआत
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2019 को 17 जिलों के 38 ब्लॉकों की 1,132 ग्राम पंचायतों में अटल भूजल योजना की शुरुआत की गई। इस परियोजना के माध्यम से भूजल विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों ने कृषि और सिंचाई की मांग को भूजल के अलावा अन्य वैकल्पिक साधनों की ओर मोड़ने की कोशिश की। साथ ही भूजल के स्तर को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाया गया। समिति अब टेलीमेट्रिक डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर तकनीक के माध्यम से 17 जिलों में भूजल के स्तर की समीक्षा करेगी ताकि भूजल में कमी की दर और भूजल के वास्तविक समय के स्तर का पता लगाया जा सके।
ये हैं 17 जिले, यहां के 38 ब्लॉकों में लागू की गई थी अटल भूजल योजना
अजमेर, अलवर, बारां, चित्तौड़गढ़, दौसा, भीलवाड़ा, धौलपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, राजसमंद, सवाई माधोपुर और सीकर।