script“जो शिक्षक स्कूलों में पढ़ा सकते थे, वे परीक्षा केन्द्रों पर फालतू में लगे रहे” | Teachers who could have taught in schools were unnecessarily busy at the examination centres" | Patrika News
जयपुर

“जो शिक्षक स्कूलों में पढ़ा सकते थे, वे परीक्षा केन्द्रों पर फालतू में लगे रहे”

competitive exams: कई शिक्षण संस्थाओं में परीक्षा सेंटर बनाना होता है। शिक्षकों को परीक्षा केन्द्रों पर लगाना होता है। लेकिन पचास फीसदी से भी अधिक अभ्यर्थियों की अनुपस्थिति के चलते स्कूल में शिक्षण कार्य प्रभावित भी हो रहा है।

जयपुरNov 19, 2024 / 11:39 am

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जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग व राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से इन दिनों कई प्रतियोगी परीक्षाएं चल रही है। इन प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की अनुपस्थिति ने दोनों परीक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया है। परीक्षा आयोजन को लेकर लम्बी-चौड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। कई शिक्षण संस्थाओं में परीक्षा सेंटर बनाना होता है। शिक्षकों को परीक्षा केन्द्रों पर लगाना होता है। लेकिन पचास फीसदी से भी अधिक अभ्यर्थियों की अनुपस्थिति के चलते स्कूल में शिक्षण कार्य प्रभावित भी हो रहा है।
ऐसे हालातों के चलते ही राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी अपनी पीड़ा तक व्यक्त कर डाली। बोर्ड अध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि “जो शिक्षक स्कूलों में पढ़ा सकते थे, वे परीक्षा केन्द्रों पर फालतू में लगे रहे”।

ऐसी है अभ्यर्थियों की परीक्षाओं में उपस्थिति

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से सोमवार को कनिष्ठ अनुदेशक की दो पारियों में परीक्षा का आयोजन हुआ। इनमें पहली पारी में 51.95 तो दूसरी पारी में 48.47 फीसदी उपस्थिति दर्ज की गई। ऐसे में दोनों पारियों में औसत पचास फीसदी अनुपस्थित रही। जबकि कर्मचारी चयन बोर्ड ने सभी अभ्यर्थियों के हिसाब से परीक्षा केन्द्र बनाए गए। इससे शिक्षण संस्थाएं प्रभावित हुई।

चयन बोर्ड अध्यक्ष ने यूं जताई अपनी पीड़ा

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने परीक्षाओं में कम उपस्थिति को लेकर अपनी पीड़ा जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया कि “आज भी दो एग्जाम सीबीटी मोड पर हुए। दोनों में उपस्थिति कम रही। आप देख सकते हैं कि जो टीचर्स स्कूलों में पढ़ा सकते थे वो परीक्षा केन्द्रों पर फालतू लगे हुए थे। “

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