यह आरोप संघ की केसला के तिलक सिंदूर स्थान पर शनिवार को आयोजित बैठक में सरपंचों ने लगाया। बैठक में आदिवासी सरपंचों ने संघ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा जिला पंचायत प्रतिनिधि ज्योत्सना ब्रजकिशोर पटेल को अपनी पीड़ा बताई। संघ के सामने अपनी बात रखी। सरपंचों ने कहा कि सभी पंचायतों में काम के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है। बिछुआ सोनतलाई सरपंच ने कहा कि किसी भी काम का वैल्यूएशन, सीसी आदि काम इंजीनियर लापरवाही तथा हठधर्मिता के कारण नहीं करते तथा अपने ऊपर अतिरिक्त प्रभार का बहाना बनाते हैं। कोई सरपंच काम अच्छा करता है, तो अधिकारी उसको बेवजह परेशान करते हैं।
केसला क्षेत्र के आदिवासी सरपंच संघ अपने शोषण की आवाज ज्ञापन के माध्यम से सोमवार को जनपद सीईओ तक पहुंचाया। अगर स्थिति नहीं सुधरती है, तो मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देंगे। बैठक में जिला सदस्य प्रतिनिधि ब्रजकिशोर पटेल, जनपद सदस्य सुखराम कुमरे, सुनील नागले, सरपंच संघ अध्यक्ष शिवराम नेहरू कलमे, उपाध्यक्ष उमेश मरकाम, सचिव शुभम समेत सरपंच कलाबाई कुमरे, संतोष धुर्वे, लक्ष्मी नारायण धुर्वे, पंच लक्ष्मी ठाकुर, पूजा धुर्वे, उषा धुर्वे, रजनी काजले, पूजा उइके, नीतू उइके, सावित्री फूलवती इवने, सरोज उइके आदि उपस्थित रही।
पेसा एक्ट में मिले नहीं अधिकार – सरपंच संघ सरपंच संघ सदस्य जनप्रतिनिधियों ने कहा कि मुख्यमंत्री आदिवासी हित में पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रहे हैं, जिनमें पेसा एक्ट अधिनियम मुख्य है। ग्राउंड लेवल पर इन योजनाओं को पहुंचाने का काम सरपंचों को दिया गया, पर अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। इसका विरोध बैठक में किया गया। बैठक में सरपंचों को विश्वास दिलाया कि उनकी बात जिला कलेक्टर और सीईओ तक पहुंचाई जाएगी।