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अन्य कंपनियों ने जताया विरोध
इसी बात को लेकर स्पाइसजेट ( SpiceJet ), विस्तारा एयरलाइंस ( Vistara ) और गोएयर ( GoAir ) ने एविएशन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ( Pradeep Singh Kharola ) से बैठक के दौरान अपना विरोध जताया है। इन विमान कंपनियों का कहना है कि इससे एक ही कंपनी का बाजार में वर्चस्व होगा। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इन कंपनियों के प्रोमोटर्स ने बैठक में किसी एक विशेष विमान कंपनी का नाम नहीं लिया है। उनका कहना है कि इन राइट्स का बंटवारा एरोनॉटिकल इन्फॉर्मेशन सर्कुलर ( AIC ) के आधार पर ही होना चाहिए। नियमों के मुताबिक, एअर इंडिया के बाद विदेशी उड़ानों की राइट्स विमान कंपनियों की घरेलू फ्लाइट रैंकिंग के आधार पर बंटनी चाहिए। एविएशन मंत्रालय ( Ministry Of Aviation ) के एक अधिकारी के मुताबिक, तात्कालिक तौर पर विदेशी उड़ानों को राइट्स देने का निर्णय वापस ले लिया गया है। यह कदम कई प्रतिस्पर्धी विमान कंपनियों द्वारा विरोध जताने के बाद लिया गया है और एआईसी में इसपर विचार किया जा रहा है।
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एअर इंडिया को मिलेंगे इतनी सीटें
अधिकारी ने बताया इसमें एअर इंडिया के शेयर तय किया जा चुका है। एक सप्ताह में एअर इंडिया को इंडिया से दुबई के रूट पर 5,700 सीट, इंडिया-कातर रूट पर 5,000 सीट और इंडिया लंदन रूट पर 4,600 सीट मिलेंगे। यह जेट एयरवेज के कुल कोटा का लगभग 50 फीसदी हिस्सा है। स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, “यह एक तात्कालिक तौर पर बांटा गया है। मूल उद्देश्य है कि यात्रियों को समय रहते हुए उड़ानें मुहैया कराया जाए क्योंकि वो इसके लिए महंगा किराया भर रहे हैं। ऐसे में यह उन कंपनियों में सबसे पहले बांटा जाना चाहिए जो तुरंत उड़ाने मुहैया करा सकती हैं।”
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