एंटी-ऑक्सीडेंट का पावरहाउस कैमोमाइल माना जाता है। कैफिन फ्री ये टी स्वाद में प्राकृतिक रूप से मीठी होती है। एंटीइंफ्लेमेटरी और फ्लेवोनोइड नामक तत्व से भरी कैमोमाइल कई रोगों का इलाज करती है।
डायबिटीज और शुगर बढ़ने की समस्या वालों के लिए कैमोमाइल टी बहुत फायदेमंद है। कैमोमाइल शरीर में इंसुलिन का स्तर को मेंटेन रखता है।
कैमोमाइल टी ब्लड में ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के साथ ही ब्लड में जमा कोलेस्ट्रॉल को पिघलाने का भी काम करती है। इससे दिल भी स्वस्थ रहता है। एंटी इंफ्लेमटरी गुणों के कारण नसों की सूजन भी कम होती है।
कैमोमाइल टी में एंटी बैक्टिरियल भी होती है। ये स्किन पर होने वाले बैक्टिरयल इंफेक्शन को दूर करने में मददगार है। साथ ही सूजन को भी कम करती है। अल्सर से लड़ने वाली
कैमोमाइल टी पेट में अल्सर फैलाने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया को भी पनपने से रोकती है। इससे अल्सर होने का खतरा कम हो सकता है। साथ ही ये गैस्ट्रिक, मोशन सिकसनेस, डाइजेशन में परेशानी, डायरिया, उल्टी आने जैसी समस्याओं में भी दवा की तरह काम करती है।
स्ट्रेस और डिप्रेशन से लड़ने में भी कैमोमाइल टी कारगर है। इसे पीने से शरीर में गुड हार्मोंस निकलते हैं इससे तनाव कम होता है। मेटाबॉलिज्म बूस्टर
कैमोमाइल टी मेटाबॉलिक रेट को हाई करती है। सुबह खाली पेट इस टी को पीने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी तेज होता है और मेटाबॉलिज्म भी। इससे वेट लॉस की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
आम संक्रमण से लेकर गंभीर संक्रमण तक से लड़ने में कैमोमाइल कारगर है, क्योंकि एंटीऑक्सीडेट इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं। नींद से जुड़ी समस्या होगी दूर
कैमोमाइल टी नर्व्स को रिलैक्स करती है और नर्व्स सिस्टम को स्मूद बनाती है। इससे बेहतर नींद आती है। ये कैफीन के एडिक्शन को खत्म करने में मददगार है। नींद नहीं आ रही है तो कैमोमाइल टी पीने से फायदा पहुंचता है।
कैमोमाइल टी को हमेशा खाली पेट पीना चाहिए। दिन में 3 कप से ज्यादा इस टी को न पीएं,क्योंकि ज्यादा मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।