कमिश्नर जयंत नर्लिकर ने जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियो को निर्देश दिया है कि जल्द ही बौद्ध संग्रहालय और चिड़ियाघर के बीच तीन एकड़ जमीन चिह्नित किया जाए जिससे शीघ्रता से विज्ञान संग्रहालय का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा सके। वह गुरुवार को डीएम के. विजयेंद्र पांडियन, जीडीए वीसी अनुज सिंह और संस्कृति विभाग के अधिकारी के साथ प्रस्तािवत जमीन का निरीक्षण भी कर चुके हैं।
रूबरू होंगे विलुप्त जीव जंतु, जानेंगे जैव विविधता
गोरखपुर में बनने वाले प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय से ऐसे जीव जंतुओं के बारे में जानने का मौका मिलेगा जो या तो विलुप्त हो चुके हैं, या फिर विलुप्त हाेने की कगार पर हैं। इसके अलावा जैव विविधता को भी विस्तार से समझने में यह संग्रहालय सहायक होगा। विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों आदि जो कुछ खास इलाकों में ही पाए जाते हैं उनके बारे में भी संग्रहालय में विस्तार से जानने और समझने का मौका मिलेगा।
देश भर से लाए जाएंगे जीव-जन्तु अैर पेड़ पौधे
नेशनल साइंस म्यूजियम में ऐसे जीव जंतुओं के कलेक्शन रखे जाएंगे जो सालों पहले विलुप्त हो चुके हैं। देश भर से ऐसे जीव जंतुओं और पक्षियों का चयन का उनके शरीर संग्रहालय में रखे जाएंगे। यहां मरे हुए जीव-जंतुओं के शरीर केमिकल कोटिंग या स्टफिंग कर म्युजियम में ऐसे सुरक्षित रखा जाएगा कि वो जिवित जैसे लगेंगे। इसके अलावा ऐसे पेड़ पौधों का पूरा कलेक्शन भी होगा जो इस क्षेत्र में नहीं पाए जाते हैं। ऐसे पौधे अलग-अलग जगहों से यहां लाए जाएंगे। यह जैव विविधता एवं आसपास उपस्थित जटिल प्राकृतिक ताने-बाने को समझने का अवसर प्रदान करेगा।