UP Budget 2018: योगी की लाल अटैची से 15 घंटे बाद क्या-क्या निकलेगा बाहर
वहीं व्यापारी वर्ग का मानना है कि सरकारी कामों में अधिकारियों के बिना वजह लगने वाले हस्तक्षेप पर लगाम कसी जाए। खासकर गाजियाबाद के लोगों को उम्मीद है कि यहां के रीजन कनेक्टिविटी में सुधार किया जाए। इन सभी मसलों पर पत्रिका डॉट कॉम की टीम ने लोगों से इस बार के बजट पर उम्मीदों को लेकर बात की।
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अच्छे कॉलेज खोले जाएं
स्टूडेंट नेहा शर्मा ने बताया कि बारहवीं पास करने के बाद अच्छे कॉलेज हों, जहां रोजगार से संबंधित जानकारी भी दी जाए और स्टूडेंट का इंटरेस्ट किस फील्ड में है, उसके मुताबिक बजट तैयार किया जाए। अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर छात्रवृत्ति देनी चाहिए। साथ ही, इन्हें अच्छे कॉलेजों में आगे एडमिशन के लिए भी मौके उपलब्ध कराए जाएं।
इसके अलावा सरकारी प्राइमरी स्कूल के स्टेंडर्ड को भी सुधारे जिससे वहां आम लोग अपने बच्चों को पढऩे के लिए भेजें। इसके लिए निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी बदलाव किए जाने की जरूरत है। गाजियाबाद के विजय नगर जैसे बड़े क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। इसके अलावा यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज भी नहीं है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
तकनीक और रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे
मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहीं स्वाति ने बताया कि नौकरीपेशा वर्ग के लोगों के लिए बजट में विशेष प्रावधान होना चाहिए। उत्तर प्रदेश टेक्नॉलॉजी से विकसिकत होगा तो यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे यहां के युवाओं को दूसरे प्रदेशों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। अब तक बनी कमजोर नीतियों की वजह से ही यहां के युवाओं को देश के दक्षिण या पश्चिमी राज्यों की ओर रुख करना पड़ा है।
व्यापारियों का शोषण अब बंद होना चाहिए
कारोबारी ललित कुमार के अनुसार, इस बार बजट में ऐसी नीतियां बनाई जाएं, जिससे अधिकारी व्यापारी वर्ग का शोषण नहीं कर पाएं। व्यापारी अपने रोजगार चलाने के लिए टैक्स देता है। सभी सही तरीके इस्तेमाल करता है, लेकिन अधिकारी सैंपलिंग का डर दिखाकर महीने में एक-दो बार आते हैं और व्यापारियों का शोषण करते हैं। सरकार इंस्पेक्टर राज पर लगाम लगाए, जिससे व्यापारी बिना भय के काम कर सकें।