Ghaziabad News:
गाजियाबाद महिला अस्पताल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिवर्ष 20 महिलाएं एचआईवी का शिकार हुई है। महिला अस्पताल के चार साल के डाटा के मुताबिक 68 महिलाएं एचआईवी पॉजीटिव पाई गई है। हालांकि इस बारे में जब कुछ एड्स काउंसलर से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि टैटू बनवाने से संक्रमण नहीं होता है। बल्कि यह आवश्यक है कि एक ही सुई लगातार प्रयोग करने से ऐसा संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी चीज होती है कि जिस सुई से टैटू बनवा रहे हैं। वह स्टरलाइज्ड है या नहीं। क्योंकि अगर एक ही सुई से कई लोगों को टैटू बनाया गया है। तो उससे किसी भी तरह का संक्रमण होने का खतरा रहता है। टैटू बनवाने में संक्रमण का खतरा मात्र 3 प्रतिशत ही होता है। इसीलिए संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षित तरीके से प्रत्येक टैटू के लिए नई निडिल का इस्तेमाल होना चाहिए।
20 ऐसी महिलाएं जिन्होंने सड़क किनारे टैटू बनवाए थे
गाजियाबाद महिला अस्पताल में प्रसव पूर्व हुई जांच में एड्स पीड़ित 20 ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने सड़क के किनारे टैटू बनवाए थे। हालांकि, डॉक्टरों ने सभी का सुरक्षित प्रसव कराने में सफलता हासिल की। लेकिन इसी के साथ एक सवाल यह भी उठ खड़ा हुआ है कि ऐसे क्या कारण हैं कि टैटू बनवाने के कारण एड्स हो रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों की माने तो टैटू बनवाने के दौरान एक ही सई का बार-बार प्रयोग ना किया जाए। तो इसका खतरा बिल्कुल ना के बराबर होने की संभावना रहती है।