आपको बता दें कि 29 साल पहले 26 सितंबर को गाजियाबाद के मोदीनगर में युवराज सिंह और संजय कौशिक नाम के दो छात्र आरक्षण विरोधी आंदोलन में पुलिस की गोली के शिकार हो गए थे। इसके बाद उनकी मौत हो गई थी। गोली मारने वाले दरोगा का नाम चीमा बताया जाता है। उसके बाद से ही लगातार छात्र संघ इस दिन गुस्से का इजहार करने के साथ ही इसे काला दिवस के रूप में मनाते हैं।
29 साल से लगातार इस घटना विरोध चलता आ रहा है। इसी कड़ी में एक बार फिर 26 सितंबर को गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके में छात्र रोड पर निकले। इस दौरान इन छात्रों ने गोली मारने वाले दरोगा के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। छात्रों ने कहा कि दरोगा की गोली से मारे गए दोनों छात्रों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। उनके परिवार को भी शहीद परिवार की तरह ही सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए। इसके साथ ही एक चौक का नाम शहीद चौक यानी उन दोनों शहीदों के नाम पर ही रखा जाना चाहिए। इन मामगों के साथ सैकड़ों की संख्या में छात्र सड़कों पर निकले और बैनर हाथों में लेकर काला दिवस मनाया ।