उधर इस मामले में पीड़ित बुजुर्ग के बेटे बबलू सैफी ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उसने एक चैनल को बताया कि उन्होंने थाना लोनी में इस पूरी घटना की तहरीर दी थी। आरोप है कि वहां के कोतवाल ने अपने हिसाब से तहरीर लिख उनके पिता के हस्ताक्षर करा लिए। बबलू का दावा है कि उन्होंने थाना लोनी में जो शिकायत दी थी वह कोतवाल ने अपनी मर्जी से बदली है। इसके अलावा स्थानीय पुलिस पर भी और कई तरह के सवाल खड़े किए गए हैं।उसके पिता ताबीज देने का काम नहीं करते। वह तो मात्र लोहार बढ़ई का काम करते हैं। वह भी लकड़ी का ही काम करता है। उसका कहना है कि पुलिस ने जो गिरफ्तारी की है, उसकी शिनाख्त भी नहीं कराई गई है। इसलिए पुलिस की गिरफ्तारी पर भी उन्हें शक है।
गौरतलब है कि मामले को तूल पकड़ते ही पुलिस अब हर एंगल से इसकी जांच कर रही है। पुलिस ने जांच के बाद सोशल मीडिया पर बुज़ुर्ग के साथ मारपीट व अभद्रता के वायरल वीडियो के संबंध में पंजीकृत अभियोग में प्रकाश में आए अभियुक्त इंतजार पुत्र मकसूद, बौना उर्फ सद्दाम पुत्र फारुख निवासी मौलाना आजाद कॉलोनी, बेहटा हाजीपुर थाना लोनी बॉर्डर जनपद गाजियाबाद को थाना लोनी बॉर्डर को गिरफ्तार किया है। जबकि इस मुकदमे में समुचित धाराओं को बढ़ाते हुए पूर्व में ही मुख्य अभियुक्त परवेश गुर्जर, कल्लू व आदिल की गिरफ्तारी की जा चुकी है।