जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि 31 अक्टूबर का दिन देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा की रक्षा किए जाने का संदेश देता है। क्योंकि लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपना पूरा जीवन देश के लिए न्यौछावर किया। जिसपर सभी देशवासियों को गर्व होना चाहिए और सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए 144वीं जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई है।
आपको बताते चलें कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 8875 को गुजरात के करमचंद में हुआ था। वे पेशे से वकील यानी बैरिस्टर थे। सरदार महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित हुए और वह स्वाधीनता संग्राम आंदोलन से जुड़ गए थे।इतना ही नहीं, सरदार वल्लभभाई पटेल को लोह पुरुष और भारत के बिस्मार्क के साथ सरदार की उपाधियां दी गई हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा देश में राष्ट्रीय एकता बनाए जाने के लिए तमाम तरह के आंदोलन किए गए और सभी आंदोलनों में सरदार वल्लभ पटेल ने जीत हासिल की। इसके बाद से ही लोग सरदार वल्लभ भाई पटेल को लोह पुरुष कहने लगे।