गाजियाबाद। पश्चिमी यूपी में हज हाउस के लिए अभी लोगों एक बार फिर इंतजार करना पडेगा। महानगर गाजियाबाद में जीटी रोड पर हिंडन किनारे करोड़ों रूपये की लागत से बने हज हाउस पर एक बार फिर से ताला जड़ गया है। एनजीटी के आदेश पर सोमवार को प्रदूषण निय़ंत्रण बोर्ड की तरफ से इसका निरीक्षण किया गया। 136 किलोलीटर की क्षमता वाले एसटीपी प्लांट के हज हाउस में न मिलने पर इसे सील कर दिया गया है। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीलिंग की रिपोर्ट को अदालत को भेजेगा। इसके बाद अदालती आदेश के बाद में ही इसे खोला जाएगा।
एनजीटी की अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान पर्यावरणविद से जुड़ी संस्था सोसाइटी फॉर एन्वायरमेंट और पर्यावरणविद् सुशील राघव के पक्ष को नकार दिया था। सुशील ने 2016 में हज हाउस के विरोध में एनजीटी में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि खसरा नंबर 1402 और 1403 राजस्व रिकॉर्ड में नदी है। इसी तरह खसरा नंबर 1399 बंजर है। यह डूब क्षेत्र है और इस पर हज हाउस का निर्माण किया गया है। यहां आने वाले लोगों के मल को निबटाने के लिए एसटीपी भी नहीं बना है। अपने आदेशों में एनजीटी की तरफ से प्रदूषण निय़ंत्रण बोर्ड को आदेश दिए गए थे कि वो हज हाउस का निरीक्षण करके 136 किलोलीटर का एसटीपी बने होने को सुनिश्चित करें और इसके संबंध में सीलिंग कार्रवाई करके इसकी रिपोर्ट प्रेषित की जाए।
एसडीएम ज्ञानेन्द्र सिंह और एडीएम सिटी हिमांशु गौतम ने इस संबंध में बताया कि आज सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में सम्बन्धित विभाग द्वारा सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर निरीक्षण किया गया। प्रदूषण बोर्ड इसके संबंध में अपनी रिपोर्ट अदालत को भेजेगा।