चर्चा में रही हैं रानी नागर 2014 बैच की हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर काफी चर्चा में रही हैं। सोमवार को उन्होंने हरियाणा में इस्तीफा देकर ड्यूटी के दौरान असुरक्षा को मुख्य कारण बताया। उन्होंने 4 मई को पोस्ट किया, मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी गाजियाबाद आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैंने आज दिनांक 4 मई 2020 को आईएएस के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मैं व मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ से अपने शहर गाजियाबाद वापस जा रहे हैं। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।
सेल्फ आइसोलेशन में गईं रानी नागर इस्तीफा देकर अपनी बहन रीमा के साथ सोमवार शाम को गाजियाबाद आ गईं। यहां आकर वह सेल्फ आईसोलेशन में चली गई हैं। घर पहुंचने के बाद उन्होंने पोस्ट किया, माता वैष्णो रानी जी की दया कृपा व आप सभी के आशीर्वाद से मैं रानी नागर व मेरी बहन रीमा नागर सकुशल अपने घर गाजियाबाद पहुंच गये हैं। हम दोनों 14 दिन के लिए सेल्फ़ आईसोलेशन में रहेंगे। चंडीगढ़ से घर लौटते समय उनकी गाड़ी घरौंदा टौल के पास खराब हो गई थी। वहां प्रदीप खटाना और प्रदीप गुर्जर ने उनकी मदद की। इसका भी उन्होंने फेसुक वॉल पर जिक्र किया है।
गाजियाबाद में रह रहा है परिवार रानी नागर मूल रूप से दादरी के गांव बादलपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता रतन सिंह एमएमएच कॉलेज के प्रिंसिपल रहे थे। फिलहाल उनका परिवार नेहरू नगर थर्ड में रह रहा है। बादलपुर बसपा सुप्रीमो मायावती का भी पैतृक गांव है। रानी नागर ने जान का खतरा बताकर लॉकडाउन के बाद इस्तीफे का ऐलान किया था। इसके बाद कई नेता उनके समर्थन में आ गए थे। मामला सामने आने के बाद मायावती ने भी ट्वीट कर रानी नागर के समर्थन में आवाज उठाई थी। बता दें कि वर्ष 2018 में रानी नागर ने एक आईएएस पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने पहले ही फेसबुक पर लॉकडाउन के बाद इस्तीफे का ऐलान करके सबको चौंका दिया था।