अवैध टाॅवर सील करके वापस आ रहा था दस्ता दरअसल, सोमवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का सचल दस्ता अकबर बहरामपुर में एक अवैध टाॅवर सील करने गया था। वापस आते समय गाड़ी के चालक को दिल का दौरा पड़ गया। बताया जा रहा है इससे ड्राइवर की चलती गाड़ी में ही मौत हो गई। इसके बाद गाड़ी का बैलेंस बिगड़ा ताे ड्राइवर सीट के पास बैठीं होमगार्ड महिला कांस्टेबल मंजू उपाध्याय का ध्यान ड्राइवर की तरफ गया। उन्होंने देखा कि गाड़ी डगमगाने लगी है। इस पर मंजू उपाध्याय ने आनन-फानन में ब्रेक दबाते हुए स्टेयरिंग संभाला। इस दौरान गाड़ी रास्ते पर खड़ी कुछ ठेली से भी टकरा गई थी लेकिन नाले में गिरने व खंभे से टकराने से बच गई। जिस वक्त यह घटना घटी, उस समय गाड़ी में 18 लोग मौजूद थे। इनमें से ड्राइवर की मौत हो चुकी है।
ड्राइवर की हुई मौत मंजू उपाध्याय का कहना है कि वे अकबर बहरामपुर टॉवर सील करने गए थे। वापस आते समय गाड़ी का बैलेंस खराब हो गया। ड्राइवर को देखा तो वह स्टेयरिंग पर सिर रखे हुऐ थे। उसकी तबीयत खराब थी। गाड़ी गाड़ी बिजली के खंभे से टकराने वाली थी। यह देखकर उन्होंने फौरन ब्रेक मारा और स्टेयरिंग संभालकर गाड़ी को रोका। उन्होंने 15 दिन का गाड़ी सीखने का कोर्स किया था। बाद में ड्राइवर को यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां उसको मृत घोषित कर दिया।
…तो खंभे से टकराकर नाले में गिरती गाड़ी मंजू उपाध्याय की साथी महिला होमागर्ड राजबाला ने बताया कि गाड़ी रिषि चला रहा था। मंजू पास में बैठी थी। उसके पास में वह बैठी थी। मात्र 10-15 कदम चलने पर रिषि का सिर स्टेयरिंग पर गिर गया। गाड़ी डगमागने लगी। मंजू काे आभास हुआ तो उन्होंने फौरन ब्रेक पर पैर रखकर और स्टेयरिंग को संभाला। गाड़ी खंभे से टकराकर नाले में गिर जाती। गाड़ी में आगे उनकी मिलाकर तीन लोग जबकि पीछे 15 लोग बैठै थे। गाड़ी गली में थी, इससे दूसरों की जान को भी खतरा हो सकता था। मंजू ने विवेक का परिचय देते हुए गाड़ी को रोका और लोगों को बचाया। इसके बाद लोगों ने मंजू की जमकर तारीफ की।
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