एसपी सिटी ने लिए बयान आइसोलेशन सेंटर में महिला नर्सों के आरोपों की जांच के लिए एडीएम सिटी और एसपी सिटी मौके पर पहुंचे थे। इसकी गहनता से जांच की गई। नर्सों के बयान लेने के बाद पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। गाजियाबाद (Ghaziabad) के एसपी सिटी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज कार्यक्रम से लौटे मसूरी के रहने वाले 6 जमाती (Jamaati) कोरोना संदिग्ध पाए गए थे। उनको जिला एमएमजी अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। वहां के नर्सिंग स्टाफ ने सीएमएस (CMS) को लिखित में शिकायत की थी कि यहां पर मौजूद जमातियों ने के द्वारा वार्ड के अंदर अश्लील हरकत और बदसलूकी की है। उनके अनुसार, सीएमएस ने इसकी सूचना लिखित में शहर कोतवाली में दी थी। सूचना के आधार पर एडीएम सिटी शैलेंद्र कुमार और वह मौके पर पहुंचे थे। आरोपों के आधार पर मामला सही पाया गया है। बाकी अभी जांच की जा रही है।
डीएम ने दिए थे केस दर्ज करने के आदेश डीएम अजय शंकर पांडे ने आरोपियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से मामला दर्ज करने के भी निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसकी पूरी विवेचना की गई। दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। वहीं, जानकारी के अनुसार नर्सों ने बयान दिया है कि जमातियों ने अश्लील हरकत की थी।
यह कहा नर्सों ने पहली नर्स ने कहा कि वह एक अप्रैल को वह आईसोलेशन वार्ड में मरीजों को इंजेक्शन लगाने गई थीं। उनको देखकर दो लोग हंसने लगे। उनको नजरअंदाज कर नर्स मरीज देखने लगीं। वार्ड से बाहर आकर उन्होंने यह बात अपने साथियों को बताई। जबकि दूसरी नर्स ने बताया कि जब उनको उनकी साथी नर्स ने इस बारे में बताया तो वह वार्ड में गईं। वहां पर हमात से आए लोग अश्लील इशारें कर रहे थे। उन लोगों ने कपड़े भी नहीं पहने हुए थे। जब उन्होंने इसको लेकर उनको मना किया तो आरोपियों ने उन पर गंदे कमेंट किए। उनका कहना है कि पहले आरोपियों को समझाया गया लेकिन जब वे नहीं माने तो उन्होंने सीएमएस से शिकायत की थी।