पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप दरअसल, दिल्ली (Delhi) में सरकारी कांट्रेक्टर पवन शर्मा गोविंदपुरम में बालाजी एंक्लेव में रहते थे। पवन की रिश्तेदार ने बताया कि उनके जीजा 4 जनवरी (January) को घर से यह कहकर गए थे कि वह किसी काम से जा रहे हैं। शाम 4 बजे तक वापस आ जाएंगे। जब वह देर रात तक घर नहीं पहुंचे तो उनका फोन मिलाया गया लेकिन वह बंद मिला। इसके बाद उन्हें कई जगह तलाशा गया। उनका कहीं कोई पता नहीं चला। इसके बाद 5 जनवरी को थाना कविनगर नगर में उनकी गुमशुदगी की तहरीर दी गई। आरोप है कि पुलिस ने इस पूरे मामले में लापरवाही भरा रवैया दिखाया। उनको बस सुबह और शाम को छौड़ाते रहे लकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब उनको पवन का शव हापुड़ में मिलने की सूचना मिली थी। आरोप यह भी है कि पवन शर्मा के शव का अंतिम संस्कार लावारिस समझकर कर दिया गया। उन्हें केवल कपड़े ही मिले हैं।
कविनगर थाने में दर्ज कराई थी गुमशुदगी वहीं, एक अन्य परिजन ने बताया कि पवन 4 जनवरी से लापता थे। अगले दिन उन्होंने कविनगर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इसके बाद लगातार कई तक थाने के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब तक उनको शव नहीं मिला है। उन्हें उनके निजी संपर्कों से पता चला था कि सिंभावली थाना क्षेत्र में एक युवक का शव मिला था। पुलिस ने उसका लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया था। पवन की गला दबाकर हत्या की गई थी। बाद में उसके शव को फेंक दिया गया था। इसमें पुलिस की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलने की बात कही है।
यह कहा एसपी सिटी ने वहीं, गाजियाबाद के एसपी सिटी मनीष मिश्रा का कहना है कि 5 जनवरी को पवन शर्मा के परिवार ने थाना कवि नगर में गुमशुदगी की तहरीर दी थी। इसके आधार पर मामला दर्ज करते हुए उनके फोन को सर्विलांस पर लगाया गया। उनकी तलाश की जा रही थी लेकिन 6 तारीख को पवन शर्मा का शव हापुड़ में नहर में बरामद हुआ। उसकी पहचान के लिए वहां की पुलिस ने परिवार को बुलाया था। इस मामले की गहनता से जांच करते हुए हत्यारों की तलाश की जा रही है। पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस पर लगाए जा रहे लापरवाही के आरोपों की गहनता से जांच की जाएगी। जो भी इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह है ग्रेटर नोएडा का मामला आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा के गौरव चंदेल हत्याकांड में भी पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। पीड़ित परिवार ने स्थानीय पुलिस पर सीमा में उलझने के साथ ही सुस्त रवैया अपनाने का आरोप ग लगाया था। निजी कंपनी में रीजनल मैनेजर के पद पर तैनात गौरव चंदेल की 6 जनवरी की देर रात लूटपाट के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लापरवाही बरतने पर छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था।