मंदिर में महिलाओं से अश्लील हरकत करने वाले ढोंगी बाबा का महिलाओं ने किया ये हाल बता दें कि मुरादनगर के काकड़ा गांव निवासी देवप्रकाश शर्मा ने 13 साल पहले तत्कालीन ग्राम प्रधान सतीश त्यागी से दो हजार रुपये में एक गाय खरीदी थी। उन्होंने इसका नाम गौरी रखा। धीरे—धीरे यह गाय उनके परिवार का हिस्सा बन गई। देवप्रकाश गौरी को घर के एक सदस्य की तरह ही दुलार करते थे। वहीं गौरी भी देवप्रकाश के पास आते ही उन्हें चाटती और अपना प्रेम जाहिर करती थी। लेकिन, 31 मार्च को गौरी को किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। गौरी के मौत से देवप्रकाश बेहद दुखी हुए और इसके बाद देवप्रकाश ने बैंड बाजे के साथ गौरी की शवयात्रा निकाली थी, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण भी शामिल हुए थे। गौरी के अंतिम संस्कार के बाद देवप्रकाश ने तय किया कि वे अपनी गौरी की तेरहवीं अलग ढंग से करेंगे और इस तरह उन्होंने गौरी की तेरहवीं के लिए बाकायदा कार्ड छपवाए। इन कार्डों को काकड़ा गांव के अलावा आसपास के गांवों में भी बांटा गया। रविवार को गौरी की तेरहवीं के भोज में क्षेत्रीय विधायक अजीतपाल त्यागी समेत करीब एक हजार लोग पहुंचे। इस मौके पर सभी लोग बस यही कह रहे थे कि उन्होंने कभी ऐसा पशु प्रेम नहीं देखा।
काम देवप्रकाश ने बताया कि जब वे गौरी को घर लाए थे तो उसने एक बछिया को जन्म दिया था। इसके बाद उसने कभी प्रजनन नहीं किया, लेकिन लगातार दूध दे रही थी। गौरी 10 से लेकर 14 लीटर तक दूध देती थी। वहीं पशु चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. राहुल अग्रवाल ने बताया कि हार्मोंस बढ़ने के कारण गाय लगातार बिना प्रजनन के दूध देती रहती है। ऐसी स्थिति में गाय का दूध सामान्य ही रहता है। ऐसा केस एक हजार में से एक होता है।