क्यों उठा विवाद- मामला तब का है कि जब एसएसपी वैभव कृष्ण ने काफी संख्या में दरोगाओं की इधर से उधर पोस्टिंग की और नए थानेदारों की भी तैनाती की। जिसके बाद गाजियाबाद की जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी द्वारा एसएसपी से उनकी प्रतिक्रिया मांगी क्योंकि यह सब गाजियाबाद की जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी की जानकारी में नहीं था। साथ ही जिलाधिकारी ने गाजियाबाद के एसएसपी को लिखित में पूछा कि क्यों ना आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए। क्योंकि आप सभी नियमों को ताक पर रखकर दरोगाओं और थानेदारों की तैनाती कर रहे हैं। इसी के बाद से दोनों आमने-सामने हो गए हैं।
एसएसपी ने लिखा पत्र- जिलाधिकारी और एसएसपी के बीच का ये विवाद अब लखनऊ तक पहुंच चुका है। दोनों के बीच का तनाव इतना गरमा चुका है कि एसएसपी ने प्रमुख सचिव गृह को इस बारे में खत लिखकर अवगत कराया है। जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि उनका गाजियाबाद से ट्रांसफर कर दिया जाए क्योंकि उन्हें कानून व्यवस्था सुधारे जाने के लिए अपने हिसाब से टीम गठित करनी होती है। लेकिन जिलाधिकारीव द्वारा उनके फैसले पर सवाल खड़ा कर दिया जाता है। जिला और जिले की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लिए जब जनपद के आईएएस और आईपीएस के बीच ही अहम की लड़ाई शुरू हो गई है। सवाल उठता है कि आपस में कोई सामंजस्य नहीं होगा तो जिले में लगातार हो रहे अपराधों में कमी कैसे आ सकती है?
पहले भी छिड़ चुकी है अहम की लड़ाई- आपको बता दें कि कि हाल ही में नोएडा एसएसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने कई थानों में बड़ा फेरबदल किया था। यह बात डीएम बीएन सिंह को चुभ गई। उन्होंने एसएसपी डॉ. अजय पाल शर्मा को पत्र लिखकर कहा कि शासन ने निर्देश दिया है कि जिले में पुलिसकर्मियों की तैनाती करने से पहले जिले के जिलाधिकारी से अनुमोदन कराया जाना है। इसका शासनादेश जारी हो चुका है। लेकिन बावजूद इसके डीएम से अनुमोदन नहीं कराया गया।