बता दें कि भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे हेलीकॉप्टर्स खरीदे हैं, जिनमें से चार आज भारत पहुंच चुके हैं। संभावना जताई जा रही है कि 2020 तक अपाचे हेलीकॉप्टर्स भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे। गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस में पहुंचे अपाचे में कुछ जरूरी उपकरण लगाए जाने हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अगस्त तक इन्हें पठानकोट एयरबेस पर तैनात कर दिया जाएगा। इन हेलीकॉप्टर्स AN 224 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस लाया गया है।
यह है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत अपाचे AH 64 E हेलीकॉप्टर्स में 30 मिलीमीटर की मशीनगन लगी है। हेलीकॉप्टर में लगी मशीनगन एक बार में 1200 राउंड तक फायरिंग कर सकती है। यह एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल से भी लैस है। इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह कर सकती है। इसमें हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट भी लगा है, जो जमीन के किसी निशाने पर अचूक वार करने की क्षमता रखता है। टू सीटर अपाचे में एक सेंसर भी लगा है। इसलिए यह रात में भी ऑपरेशन को अंजाम देकर दुश्मन के दांत खट्टे कर सकता है। यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
एयरफोर्स के बेड़े में अभी MI 35 और MI 25 अटैक हेलीकॉप्टर्स शामिल बता दें कि अभी रूस में बने MI 35 और MI 25 अटैक हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना में किया जा रहा है। जिसकी एक स्क्वाड्रन राजस्थान के सूरतगढ़ व दूसरी पठानकोट में तैनात है। ये भी अच्छे लड़ाकू विमान हैं। दशकों को पुराने होने की वजह से वायुसेना के बेड़े में अपाचे हेलीकॉप्टरों को शामिल किया जा रहा है। हालांकि भारतीय वायुसेना के पास रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर भी मौजूद हैं।
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