सीता माता ने की थी भगवान शिव की अराधना
श्री राम ने वनवास के समय छत्तीसगढ़ के कई स्थानों में रहे। शबरी के झूठे बेर भी यहीं खाए और दंडकारण्य में कई राक्षसों का वध भी किया। वनवास के दौरान राम ने कुछ समय इस स्थान पर भी बिताया था। इसी दौरान यहां माता सीता ने भगवान शिव की आराधना की थी।सोंढूर, पैरी और महानदी के संगम के बीचों बिच भगवान की मूर्ति का निर्माण किया था। तब से इसे पंचमुखी कुलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
मंदिर का गर्भगृह अतभुत है। मूर्ति के नीचे वेदी पर मां पार्वती विद्यमान है। महामंडप में अनेक देवी दवताओं की मूर्तियां स्थापित है। नदियों के तट पर नाथ महादेव और भूतेश्वर नाथ महादेव विद्यमान हैं। ये मूर्तियां मंदिर परिसर के दृश्य को दुर्लभ बनतीं हैं और श्रद्धा भाव को जन्म देती है।