मौके से 3 सिंगल शॉट राइफल समेत दूसरे हथियार और नक्सल साहित्य बरामद किया गया है। दिन ढलने के बाद फायरिंग तो रूक गई, लेकिन फोर्स ने फरार नक्सलियों की तलाश में आसपास के जंगलों में सर्चिंग जारी रखी। पूरे मामले में शनिवार को पुलिस बड़ा खुलासा कर सकती है।
गरियाबंद में पिछले साल 4 बड़े ऑपरेशन चलाकर 3 नक्सलियों का एनकाउंटर किया गया था। पुलिस ने नए साल पर बस्तर नीति के तहत जिले से नक्सलियों का सफाया करने की योजना बनाई है।
बस्तर में हुई घेराबंदी तो…
इसी के तहत साल की पहली तारीख यानी बुधवार को पुलिस ने शोभा के जंगलों से आईईडी बम बरामद कर
नक्सलियों के मंसूबे नाकाम किए थे। इसी कड़ी में शुक्रवार को फोर्स को इंदागांव इलाके में नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिली। इस पर डीआरजी और एसटीएफ के जवानों को सुबह सर्चिंग पर रवाना किया गया।
वहीं, ओडिसा से सीआरपीएफ की टीम भी मदद ली गई। वे नवरंगपुर इलाके की ओर से नक्सलियों को घेरे बैठे हैं। कुल मिलाकर 250 से ज्यादा जवान इस ऑपरेशन में शामिल हुए। जवानों ने सुबह 7 बजे नक्सलियों को चारों ओर से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। उधर से भी जवाबी फायरिंग हुई। हालांकि, फोर्स इन पर भारी पड़ी। एक नक्सली मौके पर ही ढेर हो गया। 2 और गंभीर रूप से जख्मी हैं।
पत्रिका ने पहले ही बताया था… बस्तर से आए नक्सली
नए साल पर पत्रिका ने गरियाबंद में पर्यटन पर नक्सलियों के खौफ को लेकर खबर छापी थी। इसमें बताया था कि बस्तर में 2 बड़े एनकाउंटर के बाद नक्सली सुरक्षित ठिकाने की तलाश में उदंती-सीतानदी के जंगलों में आ छिपे हैं। मैनपुर, देवभोग ब्लॉक के जंगलों में बीते 3 दिनों के भीतर जिस तरह नक्सलियों की मौजूदगी दर्ज की गई है, उसने इस बात पर मुहर भी लगा दी है। हालांकि, गरियाबंद पुलिस भी बस्तर नीति के तहत नक्सलियों का पूरी तरह सफाया करने के अपने दावे को ऑपरेशन के जरिए पुख्ता कर रही है।