ऐसे में यदि इन बैंकों के ग्राहक एक बार में एटीएम कार्ड की मदद से 10,000 रुपये से अधिक कैश निकालते हैं कि तो आपको ओटीपी की जरूरत होगी। सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक केनरा बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए इस सुविधा की शुरुआत की है।
इस बारे में केनरा बैंक ने एक बीते दिन एक ट्वीट कर जानकारी दी है। बैंक ने अपने ट्वीट में लिखा, “हम भारत में पहली बार एटीएम विड्रॉल के लिए ओटीपी व्यवस्था की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस शुरुआत के बाद अब हमारे एटीएम से कैश निकालना पहले से अधिक सुरक्षित होगा।”
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अन्य बैंक भी ले सकते हैं ऐसा फैसला
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में कहा था कि यदि तकनीकी कारणों से यदि कोई ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है तो उसे वैलिड ट्रांजैक्शन नहीं माना जायेगा। इसमें हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, कम्युनिकेशन से जुड़ी बाधायें शामिल हैं।
ऐसे में आरबीआई के इस निर्देश और केनरा बैंक के इस फैसले के मद्देनजर संभव है कि सरकारी व प्राइवेट क्षेत्र के अन्य बैंक भी अपने एटीएम मशीनों से कैश निकालने के लिए ओटीपी अनिवार्य कर सकते हैं।
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तेजी से बढ़ रहे एटीएम फ्राॅड
भारतीय स्टेट बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि आरबीआई के निर्देशों पालन सभी बैंक करेंगे, क्योंकि आरबीआई ने इसे स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है कि एटीएफ फ्रॉड रोकना होगा। आमतौर पर एटीएम फ्रॉड रात 11 बजे से सुबह 6 बजे के बीच होता है।
बताते चलें कि साल 2018-19 में राजधानी दिल्ली में ही एटीएम फ्रॉड के कुल 179 मामले दर्ज किए गये। वहीं, इस दौरान महाराष्ट्र में कुल 233 ऐसे मामले दर्ज किये गये। कई जगह एटीएम क्लोनिंग के मामले में भी सामने आ रहे हैं।