आषाड़ मास की गुप्त नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के पूर्व तक शुभ मुहूर्त में घटस्थापना, कलश स्थापना किया जा सकता है। वैसे नवरात्रि काल के पूरे 9 दिन अपने आप में शुभ मुहूर्त रहता है। इस काल में विधि विधान से गुप्त रूप से माँ दुर्गा एवं शिव-शक्ति का पूजन किया जाता है। आवाहन पूजने के बाद माँ दुर्गा के बीज मंत्रों या फिर 9 दिनों तक गायत्री महामंत्र का जप सुविधानुसार करना चाहिए।
गुप्त नवरात्र में इन 10 देवियों की पूजा होती है
गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में माँ दुर्गा की इन दस महाविद्याओं की पूजा आराधना की जाती है।
दस महाविद्याएं-
माँ काली, माँ तारा देवी, माँ त्रिपुर सुंदरी, माँ भुवनेश्वरी, माँ छिन्नमस्ता, माँ त्रिपुर भैरवी, माँ धूमावती, माँ बगलामुखी, माँ मातंगी एवं माँ कमला देवी।
पूजा विधि-
गुप्त नवरात्र में माता का षोडशोपचार पूजन करना चाहिए, पूजा में माता को लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए। माता को लौंग एवं बताशे का भोग लगाना चाहिए। माता दुर्गा के मंत्रों का जप, चालीसा एवं दुर्गा सप्तसती का पाठ करना चाहिेए।
गुप्त नवरात्र शुभ मुहूर्त
3 जुलाई से 10 जुलाई 2019 तक
घट स्थापना मुहू्र्त- इस दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
1- सुबह 5 बजकर 31 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक
2- सुबह 10 बजकर 41 से 12 बजकर 25 मिनट तक
9 देवी पूजन तिथि
1- प्रतिपदा तिथि– शैलपुत्री माता पूजा- 3 जुलाई दिन बुधवार
घटस्थापना, कलश स्थापना
2- द्वितीया तिथि– ब्रह्मचारिणी माता पूजा- 4 जुलाई दिन गुरुवार
3- तृतीया तिथि– चंद्रघंटा माता पूजा- 5 जुलाई दिन शुक्रवार
4- चतुर्थी तिथि– कुष्मांडा माता पूजा- 6 जुलाई दिन शनिवार
5- पंचमी तिथि– स्कंदमाता पूजा- 7 जुलाई दिन रविवार
6- षष्ठी+सप्तमी तिथि– कात्यायनी+कालरात्रि माता पूजा- 8 जुलाई दिन सोमवार
7- अष्टमी तिथि– महागौरी, माँ दुर्गा अष्टमी पूजा- 9 जुलाई दिन मंगलवार
8- नवमी तिथि– सिद्धिदात्री माता पूजा- 10 जुलाई दिन बुधवार
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