ध्यान दें, कि Tesla बीत कुछ समय से लगातार सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में थी, टेस्ला ने संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में उत्पादन केंद्रों से आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को कम टैरिफ पर बेचकर भारत से भी इसी तरह की मांग की थी। लेकिन भारत सरकार टैरिफ को कम करने से पहले टेस्ला को स्थानीय स्तर पर कारों का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध कर रही है। सरकार का कहना है, कि टेस्ला भारत में ही कारों को तैयार करें। वहीं टेस्ला दो बड़े विनिर्माण केंद्रों: चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका से वाहनों का आयात करके भारत में बेचना चाहती थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने “मेक इन इंडिया” अभियान के साथ वाहन निर्माताओं को लुभाने की कोशिश की है, लेकिन उनके परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अप्रैल में कहा था कि टेस्ला के लिए चीन से भारत में कारों का आयात करना “अच्छा प्रस्ताव” नहीं होगा। बजाय इसके Tesla को कार भारत में ही तैयार करनी चाहिए। बताते चलें, कि भारत से हाल ही में फोर्ड ने भी अपने हाथ खींच लिए हैं, फोर्ड इंडिया से सितंबर में ही एग्जिट कर चुकी है, लेकिन उम्मीद थी, कि कंपनी इलेक्ट्रिक कारों को लेकर एक बार फिर से वापसी करेगी। लेकिन फोर्ड ने ईवी पर भी भारत से किनारा कर लिया है।