1993 और 1998 के चुनाव में 11-11 सीटें मिली थीं। इसके बाद पार्टी को इतनी ज्यादा सीटें कभी नहीं मिलीं। अब गठबंधन के तहत बसपा ने गोंडवाना को 52 सीटें पर समर्थन देने का निर्णय लिया है। यानी इन सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करेगी। शेष 178 सीटों पर बसपा अपने प्रत्याशी खड़े करेगी। इन सीटों पर गोंडवाना इन्हें समर्थन करेगी, बसपा के पक्ष में चुनाव प्रचार भी करेगी।
नाथ सरकार में बसपा साथ
2018 के चुनाव में बसपा भले ही अपने दल पर चुनाव मैदान में रही हो, लेकिन कमलनाथ सरकार का समर्थन किया था। नाथ के सत्ता में रहने तक बसपा समर्थन करती रही। सत्ता परिवर्तन के बाद बसपा विधायकों का सदन में रुख बदल गया।
सपा-कांग्रेस में सहमति नहीं
कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी में गठबंधन की सुगबुगाहट थी। राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा भी हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी। सपा प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल के अनुसार पार्टी सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
इन सीटों पर गोंडवाना लड़ेगी चुनाव
रहली, देवरी, चितरंगी, धोहनी, ब्यौहारी, जैतपुर, कोतमा, पुष्पराजगढ़, बांधवगढ़, मानपुर, बड़वारा, बरगी, शहपुरा, डिंडोरी, बिछिया, निवास, बैहर, परसवाड़ा, सिवनी, केवलारी, लखनादौन, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौरई, परासिया, पांढुर्ना, गोटेगांव, आमला, घोड़ाडोंगरी, भैंसदेही, बैतूल, टिमरनी, सिवनी-मालवा, भोजपुर, सिलवानी, बुधनी, खातेगांव, विजयराघवगढ़, झाबुआ, थांदला, पानसेमल, राजपुर, सरदारपुर, धरमपुरी, कुक्षी, बदनावर, धार, भीकनगांव, भगवानपुरा, डॉ. आंबेडकर नगर (महू) और अलीराजपुर।
इधर, अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी भी मैदान में
इस बार विधानसभा चुनाव में अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी भी मैदान में है। इस दल का महाकौशल और मध्य क्षेत्र में प्रभाव है। अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी ने 21 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष झमकलाल सरयाम का कहना है कि पार्टी जल्द ही अन्य सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करेगी। पार्टी पूरी दमखम के साथ चुनावी मैदान में है।